मुजफ्फरनगर- मुजफ्फरनगर के सुमित मलिक पिन्ना गांव के निवासी है। बताया जाता है कि यह एक किसान संगठन का जिला अध्यक्ष भी है।सुमित मलिक को पता लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की आय दोगुना करने के कई प्रयास कर रहे हैं। उनमें ही एक प्रयास यह भी था कि 8-10 किसान एक समूह बनाएं तो उन्हें ट्रैक्टर और 8 अन्य कृषि यंत्र खरीदने के लिए 9 लाख रुपये सरकार की ओर से अनुदान मिलेगा। जो उन्हें वापस नहीं करना, उन्हें केवल एक लाख रूपये लगाने हैं।
बताया जाता है कि मुजफ्फरनगर में ऐसे 19 समूह को ट्रैक्टर दिए गए उद्देश्य यही था कि गरीब किसान पहले अपने खेतों में ट्रैक्टर चला खेती करेंगे और बाद में उस से और यंत्रों से किराया कर अपनी आय दोगुनी करेंगे परंतु जब सत्य सामने आया तो आंखें खुली की खुली रह गई।
सुमित का आरोप है कि यह अनुदान जनपद के उन किसान नेताओं को मिला जो खुद या उनके परिजन मोटी-मोटी इनकम टैक्स भरते हैं आरोप है कि श्रीराम ग्रुप कॉलेज के चेयरमैन एससी कुलश्रेष्ठ के पुत्र के नाम हुआ। अशोक बालियान जैसे दिग्गज उद्यमी, व्यापारी कि समिति को यह मिला और तो और किसान की आवाज उठाने वाले चौधरी टिकैत के दामाद और अन्य रिश्तेदारों को भी यह अनुदान मिलने का आरोप है।
कुल मिलाकर 19 के 19 लोग वह थे जो अमीर थे।
इसके विरुद्ध आवाज उठाने का काम सुमित मलिक ने किया वह सब जगह लिखता रहा लेकिन जब कहीं कोई जांच/सुनवाई नहीं हुई तो वह दिल्ली पहुंचा और भूख हड़ताल पर बैठ गया।
लेकिन हाय रे दिल्ली पुलिस पहले उसे किसान घाट से उठा दिया गया उसके बाद वह रामलीला मैदान गया उसे वहां से उठा दिया गया फिर वह पीएमओ गया उसे वहां से भगा दिया गया फिर भी वह वहां केे चक्कर काटता रहा लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई।
सुमित का कहना है कि उसके पास पैसा नहीं है वह भूखा है भीषण गर्मी है वह अपने प्राण त्याग देगा परंतु अपनी आवाज प्रधानमंत्री तक जरुर पहुंचाएगा।
अब सत्यता इस बात की परखनी है कि जो योजनाएं किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हैं क्या वह सफल है या उनका पूरा लाभ अमीर किसान सरकारी तंत्र के साथ मिलकर उठा रहे हैं।
-सुनील चौधरी,सहारनपुर