गन्ने का भुगतान न मिलने से पिस रहा किसान, केसर चीनी मिल के निदेशक व प्रबन्धक पर मुकदमा दर्ज

बहेड़ी, बरेली। केसर मिल से जुड़ा 45 हजार किसान भुगतान न मिलने से पिस रहा है। मिल पर किसानों का 166 करोड़ रुपए बकाया है जो कि राजस्व वसूली मे 182 करोड़ रुपए का हो गया है। केसर मिल 28 अक्टूबर को चलने के बाद नो केन होने की वजह से 13 फरवरी को बंद हो गई थी। पिछले कई सीजन से लगातार मिल गन्ने का भुगतान अगले सीजन शुरू होने के बाद फाइनल कर रही थी। जिससे गुस्साए बहुत से किसानों ने इस बार केसर मिल को गन्ना ही नही दिया। उन्होंने यहां का काफी गन्ना रामपुर और सितारगंज की चीनी मिलो को नगद में बेच दिया। मिल बंद होने के बाद मात्र कुछ दिन तक ही मिल ने सिर्फ 17 नवंबर तक का ही भुगतान दिया है। जिसके बाद गन्ना आयुक्त ने मिल की आरसी जारी कर मिल का मुंडिया फॉर्म कुर्क कर उसकी नीलामी की तारीख 15 सितंबर तय की है। बकाये का भुगतान करने के लिए डीएम और जिला गन्ना अधिकारी द्वारा समय समय पर नोटिस भी दिये गये। इसके बावजूद किसानों का गन्ना भुगतान नही किया गया है। गन्ना सचिव राजीव सेठ द्वारा पुलिस को दी तहरीर मे आरोप लगाया गया है कि केसर चीनी मिल प्रबंधन द्वारा पेराई सत्र 2024-25 मे 28 अक्टूबर तक किसानों का गन्ना पेराई किया गया। बार-बार चेतावनी के बाद भी मिल प्रबंधन के रवैये मे कोई सुधार नही हुआ। जिसको लेकर गन्ना आयुक्त द्वारा केसर चीनी मिल के खिलाफ 18230.46 लाख रूपये वसूली नोटिस भी जारी कर दिया गया। लेकिन किसानों का भुगतान नही किया गया। पुलिस ने मिल निदेशक हर्ष आर किलाचंद सहित दोनो मिल अधिकारियों प्रबन्धक शरद मिश्र तथा विपुल दोशी के खिलाफ बीएनएस की धारा 318-4 तथा 61-2 धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। प्रबन्धक शरद मिश्रा ने बताया कि वह स्वास्थ्य खराब होने से काफी समय से अवकाश पर है। प्राथमिकी की कॉपी मिलने पर विधिक राय से अपना पक्ष रखेंगे।।

बरेली से कपिल यादव

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