आगरा – यूपी पुलिस ने एक ऐसे फर्जी आईएएस अफसर को गिरफ्तार किया है।जिस पर कोई आसानी से शक नही कर सकता। जिसके कारनामे सुनेंगे, तो सर चकरा जायेगा। फर्जी आईएएस मंजीत राज खुद को पुदुचेरी के उपराज्यपाल का ओएसडी बताता था। शादी के लिए 12 असली आईएएस अफसरों को न्योता देना वाला ये फर्जी आईएएस अधिकारी इन अधिकारियों के संपर्क में पिछले तीन साल से है। खुद के रिंग सेरेमनी में भी वो उन्हें बुलाना चाहता था लेकिन सब कुछ आननफानन में होने के कारण नहीं बुला पाया।इनमें डीएम, कमिश्नर, एसएसपी स्तर के अधिकारी भी हैं।
फर्जी आइएएस अधिकारी ने खुद को पांडिचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर का ओएसडी बताकर परिजनों रिश्ता तय कर लिया। कल रात को न्यू आगरा सगाई करने आये फर्जी आइएएस अफसर की असलियत पता चलने पर लड़की के परिवार के लोगों ने पुलिस को बुला लिया। आधी रात तक चली पूछताछ के बाद शातिर ने खुद के फर्जी आईएएस अफसर होने की बात कबूल की। फर्जी आईएएस ने अपनी शादी के लिए 4 करोड़ रुपये दहेज के मांगे थे।
हैरानी की बात यह है कि इतने बड़े अधिकारियों की आंखों में वह धूल झोंकता रहा और उन्हें उस पर शक नहीं हुआ। वह खुद को 2004 का आईएएस आफिसर बताता था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वह अधिकारी से मिलते समय कई बातों का ख्याल रखता था। ज्यादातर अधिकारियों की तैनाती के बारे में बात करता था। पंडुचेरी के बारे में उसने काफी जानकारी जुटा रखी थी। इसके बारे में बताता था। अफसरों को पुदुचेरी आने का न्योता देता था। मंजीत राज ने 2014 के बैच के अधिकारियों के नाम रट रखे थे। उनके बारे में यह भी मालूम रखता था कि किसकी तैनाती कहां पर है? वह 2010 से 2016 तक के बैच के कई अधिकारियों के नाम बातचीत के दौरान लेता था। इससे सामने वाला आसानी से उसकी बातों पर यकीन कर लेता था। वह जहां भी घूमने के लिए जाता था, पहले वहां के अधिकारियों को फोन करता था। अपने लिए फाइव स्टार होटल में कमरे का इंतजाम कराता था। अधिकारी उसे ओएसडी मानकर उसके लिए मुफ्त कमरे का इंतजाम करते थे। वह फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा देखने के लिए गया था। इस दौरान उसे सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। उसने यह नहीं बताया कि यह सुरक्षा किस अधिकारी ने दिलाई थी। सिर्फ इतना कहा कि उसके बहुत दोस्त हैं, किस किसका नाम ले।