रुद्रप्रयाग।कोरोना महामारी जैसे आपदा में सरकारी सिस्टम फैल नजर आता दिख रहा है।गरीब जनता सरकारी सिस्टम के। आगे लाचार मजबूर नजर आती दिख रही है।
जनपद रुद्रप्रयाग के ग्रामीणों क्षेत्रो में सरकारी सिस्टम ने गरीब लोगों के साथ भद्दा माजक किया है,प्रशासन ने लोगो के राशन कार्ड तो बना दिये है,मगर पात्र लोगों को दर किनार कर दिया गया।
आपको बता दे कि जनपद रुद्रप्रयाग के कही गाँवो से ऐसी ही शिकायते मिल रही है,मगर विभाग के अधिकारी के कानों मे जूं तक नही रेंग रही ,,,कारण जो भी हो पर नियम-कानूनों की धज्जियाँ उड़ रही है और भुगत गरीब/असहाय लोग रहे है ।
रूद्रप्रयाग के अगस्तमुनि ब्लॉक के ग्राम औरिंग दो भाइयों की कहानी बताते हैं कि सरकार व जनप्रतिनिधियों के कारण आज दो विकलांग गरीबी का जीवन जीने को मजबूर हैं न तो इनका BPL कार्ड है न कोई अन्य सहायता इनको मिलती है।जनप्रतिनिधि इनको वोट देते समय मतदान स्थल तक जरूर ले जाते हैं।इनका नाम है,
विक्रमसिंह पुत्र स्व0उदय सिंह लगभग 54वर्ष, अविवाहित (मूकबधिर ) , दूसरा ठाकुर सिंह पुत्र श्री अजीत सिंह उम्र लगभग53 वर्ष अविवाहित, शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ है। यह दोनों विकलांग है अविवाहित भी है,,दोनो शारीरिक व मानसिक रूप से भी बोल व चल नही सकते आखिर जीयें तो कैसे सरकारी राशन कार्ड मे भी इनके साथ मजाक ही हुआ है सरकारी तंत्र ने इनके एपीएल कार्ड बना रखे हैं शायद विकासखण्ड अधिकारियों कर्मचारियों जनप्रतिनिधियों की नजर अब तक इन दोनों पर नही पड़ी।
वही गीता देवी ग्राम डालसिंगी ,बसुकेदार की निवासी जिनका पहले BPL कार्ड था मगर विगत 4-5 सालो से कार्ड ही नही बना,,ऐसे मे गरीबो की सुध कोन लेगा,ओर कोन गरीबो की मदद करेगा,,जब जनप्रतिनिधि वोट लेने तक व स्वार्थ के चक्कर मे पात्र लोगों को ही भुला देते हो,
उत्तराखण्ड सरकार व जिलाधिकारी जी से मांग करते है कि ग्राम पंचायत अधिकारीयो की जमीनी जबाव देही तय कराई जाये,,,ओर सही नियमो के अनुसार पात्र लोगों के कार्ड बनाये जाये
आखिर कौन करता है नियमो का उलंघन- सरकारी कर्मचारी या स्थानीय जनप्रतिनिधि -?
– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट