बरेली। खुद को भगवान कल्कि का अवतार बताने और चूहों की बलि देकर हवन करने वाले ट्रेनी आईपीएस अधिकारी के मामले मे पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य को पूरे मामले की गहन जांच का जिम्मा सौंपा है। मामला मीडिया मे उजागर होने के बाद शनिवार सुबह शासन ने पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की। इसके बाद आनन-फानन मे प्रारंभिक जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी गई। इस रिपोर्ट मे ट्रेनी आईपीएस अधिकारी के साथ तैनात पुलिसकर्मियों के बयान भी शामिल किए गए है। करीब एक माह पहले जब ट्रेनी आईपीएस ने सर्कल का चार्ज संभाला तो कुछ ही दिनों मे उनका व्यवहार असामान्य हो गया। वे पुलिसकर्मियों से गाली-गलौच करने लगे और कई बार हाथापाई तक की नौबत आ गई। इस रिपोर्ट के आधार पर डीजीपी ने विस्तृत जांच के आदेश जारी कर दिए है। 23 जनवरी को पुलिस लाइन के परेड ग्राउंड में गाड़ी दौड़ाने के दौरान उनकी हरकतों पर संदेह बढ़ गया था। इसके बाद एक वरिष्ठ अधिकारी को उनकी निगरानी मे लगाया गया। 29 जनवरी को अधिकारी के परिवार वाले दिल्ली से आए और उन्हें 10 दिन की छुट्टी पर अपने साथ ले गए। इस घटनाक्रम ने विभागीय स्तर पर कई सवाल खड़े कर दिए है। बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य अपनी सख्त कार्यशैली और अनुशासनप्रियता के लिए जाने जाते हैं। पुलिस विभाग में अनुशासन का महत्व और उसकी सख्त पालन कराने में उनका रुख हमेशा स्पष्ट रहा है। इसी वजह से बरेली में वह सबसे ज्यादा इंस्पेक्टर, दरोगा और सिपाहियों के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई कर चुके है। एसएसपी के नेतृत्व में बरेली पुलिस 60 से ज्यादा हाफ एनकाउंटर की कार्रवाई कर चुकी है।
बरेली से कपिल यादव