बिहार: समस्तीपुर जिले के पूसा में आजादी की भावना से ओतप्रोत होकर अत्याचारी किंग्स फोर्ड को सबक सीखाने के उद्देश्य से बंगाल के मिदनापुर से अपने साथी प्रफुल्ल चाकी के साथ आकर मुजफ्फरपुर यूरोपियन क्लब पर बम धमाके के बाद पूसा चौक से गिरफ्तार किये जाने के बाद मात्र 18 साल की उम्र में हँसते- हँसते सीना तान कर फाँसी के फंदे को चूमने वाला अमर शहीद खुदीराम बोस का जन्म 02 दिसंबर 1889 को हुआ था और फाँसी-11 अगस्त 1908 को दिया था। उन्ही का 110 वीं शहादत दिवस को सलाम करने के लिए आज इनौस द्वारा पूसा के बोस स्मारक स्थल पर एक सभा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता इनौस जिला सचिव राम कुमार ने किया। वहीँ सभा को संबोधित कृष्ण कुमार, नवल किशोर राय, रंजीत कुमार, विवेक कुमार, भूपन तिवारी, सुनीता देवी, लक्ष्मी साह, रामबली साह, रामलाल दास, अखिलेश कुमार, प्रभात रंजन गुप्ता, आइसा के राहूल कुमार, इनौस जिला अध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद सिंह, माले प्रखंड सचिव अमित कुमार समेत अन्य इनौस-भाकपा माले नेताओं ने सभा को संबोधित किया। वहीँ इस कार्यक्रम की शुरूआत में ही दो मिनट का मौन रहकर श्रद्धांजलि देकर बोस प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।तत्पश्चात उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व का पाठ भी किया गया।इनौस राज्य सह सचिव राम कुमार ने कहा कि जिस बरतानी हुकूमत के अत्याचार के खिलाफ उन जैसे सैकड़ों भारत के सपूत आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहूति दी आज केंद्र सरकार उसी हुकूमत के सामने धूटना टेक चुकी है। आज उनकों भारत का रहनुमा बताया जा रहा है। उनके सम्मान में लाल गलीचे बिछाये जा रहे हैं। देश को विदेशी कंपनियों के हाथों सौपा जा रहा है। देश के अंदर विभाजनकारी शक्तियों को बढ़ावा दिया जा रहा जिस आजादी के लिए अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले सपूतों का अपमान है। है। नफरत की राजनीति की जा रही है। भीड़तंत्र को बढ़ावा देकर संविधान का मजाक उड़ाया जा रहा है।
– नसीम रब्बानी पटना बिहार