बरेली। खानकाह-ए-नियाजिया एक बार फिर चिरागों की रोशनी से जगमग हो गई। सोमवार को मन्नत पूरी होने का ख्वाब लेकर खानकाह पहुंचे अकीदतमंदों ने चिराग रोशन किए। किसी के दिलों में अरसे से मन्नत थी। कोई औलाद के लिए मन्नत मांगे था तो किसी को बेटियों की शादी की फिक्र थी। सभी मजहब के लोग अपने-अपने चिराग लेकर खानकाह पर पहुंचे। सोमवार को ख्वाजा कुतुब की गलियां अकीदतमंदों की भीड़ से खचाखच नजर आई। नजारा ऐसा था कि हर मजहब की महिला, पुरुष और बच्चे आसमान की ओर देखकर हाथ उठाए दुआ कर रहे थे। आंखों में दर्द भरे लोग अपने हमदर्द के लिए मजार पर दुआ कर रहे थे। शाम को शुरू हुआ चिराग रोशन करने का सिलसिला देर रात तक चलता। हजारों की तादाद में देश और विदेश से पहुंचे अकीदतमंदों ने मन्नतों के चिराग रोशन किए। हर साल होने वाले इस जश्न में हजारों लोग अपनी मन्नतों को पूरा करने की उम्मीद से यहां आते हैं और चिराग रोशन करके मन्नतें मांगते हैं। महबूबे इलाही निजामउद्दीन औलिया के कुल की रस्म अदा के बाद जश्ने चिरागा का आगाज हुआ। सज्जादानशीन मेहंदी मियां खानकाही ने चिराग रोशन किए। इसके बाद आमों खास के चिराग रोशन करने का सिलसिला शुरू हो गया।।
बरेली से कपिल यादव