बरेली। खानकाह-ए-नियाजिया के सज्जादानशीन हसनी मियां का मंगलवार की रात करीब दो बजे विसाल (निधन) हो गया। उनके विसाल की खबर सुनने के बाद मुरीदों में गम का माहौल है। रात से ही उनके चाहने वाले खानकाह-ए-नियाजिया पहुंचकर उनका अंतिम दीदार कर रहे हैं। भीड़ को काबू करने के लिए खानकाह-ए-नियाजिया की गलियों में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। बुधवार को दोपहर में जोहर की नमाज के बाद उन्हें खानकाह-ए-नियाजिया में ही सुपुर्द ए खाक किया गया। उनके इंतकाल की खबर फैलते ही खानकाह और उनके चाहने वालों मुरीददीन गमजदा हो गए। काफी शांत मिजाज लोगों को हर तरह की मदद करने वाले सिफ़्त शाह हसनी मियां के छांव से हर कोई प्रभावित था। वह लोगों की खूब मदद करते थे। गरीबों और मिस्कीनो के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले रहते थे। कोई भी उनके दर से खाली नहीं लौटता था। 1980 में उनके बालिद शाह हसन मियां ने उनको खानकाह नियाजिया का गद्दीनशीन नियुक्त किया था। जिसके बाद उन्होंने खानकाह नियाजिया के फरोग के लिए काफी काम किया। दुनिया भर में दौरा कर चिश्तिया, कदिरिया, सोहवर्दिया नक्शबंदियां या सिलसिले के पैगाम को फैलाया। खानकाह नियाजिया में सरकार के नाम जाने वाले हजरत शाह हसनी मियां साहब के इंतकाल से माहौल गमजदा हो गया। खानकहा के लोग गमजदा हैं।।
बरेली से कपिल यादव