*राज्य के सभी मन्दिरों मे तिरुपति बालाजी मंदिर की तरह सर्वोत्तम व्यवस्थाएँ होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई हादसा ना होगा..❓
बाड़मेर/राजस्थान- राज्य के सीकर जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव के निर्देशन पर जिला प्रशासन, सीकर द्वारा खाटू श्याम मंदिर की व्यवस्थाएँ बेहतर करने के लिए और श्याम भक्तों के लिए बेहतरीन सुविधा के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों का एक दल तिरुपति बालाजी मंदिर, तिरुपति, आंध्र प्रदेश की व्यवस्थाओं का अध्ययन करने के लिए भेजा गया है ताकि खाटू श्याम मंदिर की व्यवस्थाओं को मजबूत और दर्शन करने आने वाले श्रृद्धालुओ के लिए सुविधाजनक बनाया जा सके।
जिला स्तरीय अधिकारियों के दल द्वारा तिरुपति बालाजी मंदिर की व्यवस्थाएँ और सुविधाओं का पूर्ण रूप से अध्ययन कर बताया कि वहां के अनुसार खाटू श्याम मंदिर की व्यवस्थाओं को यहां भी लागू करने के सुझाव दिए है जिन पर जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव के निर्देशन पर जिला प्रशासन खाटू श्याम की विशिष्ट परिस्थितियों के अनुकूल कार्य योजना बनायी जायेगी।
जिला स्तरीय अधिकारियों के दल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सतर्कता की दृष्टि से तिरुपति बालाजी में आने वाले प्रत्येक श्रृद्धालु की व्यक्तिगत एवं लगेज की स्क्रीनिंग होती है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, सामान्य दर्शन, वीआईपी दर्शन, डोनेशन दर्शन, समस्त दर्शनों में श्रद्धालुओं की फोटो स्कैन रहती है। जिससे तिरुपति मंदिर परिक्षेत्र में किसी भी समय उपस्थित श्रद्धालुओं की संख्या के बारे में मंदिर तथा स्थानीय प्रशासन को जानकारी रहती है।
दर्शन व्यवस्था — तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से दर्शन स्लॉट आवंटित किया जाता है, सभी प्रकार के दर्शनार्थियों के लिए व्यवस्थित डोम, बैठने, आराम करने की व्यवस्था, सिटिंग तथा बड़े —बड़े कंपार्टमेंट बने हुए है जिनमें शौचालय महिला व पुरूष के पृथक—पृथक बने हुए है। श्रद्धालुओं के नहाने की व्यवस्था भी कंपार्टमेंट में है।
इसी तर्ज पर खाटू श्याम जी मेला परिक्षेत्र में भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सुविधा शीघ्र प्रारम्भ की जायेगी, साथ ही प्रवेशित श्रृद्धालु की फोटो, स्कैन करने की दिशा मॆ मंदिर द्वारा काम किया जा रहा है। खाटूश्यामजी में मुख्य मेला क्षेत्र में लखदातार मैदान में अस्थायी रूप से पैदल पथ, शौचालय इत्यादि बनाये जाते है, पर साथ ही बड़े ड्रोम, पीने का पानी, बाथरूम की स्थाई व्यवस्था भी की जा सकती है। दर्शन स्लौट आवंटन, फ्री पेड दिया जा सकता है।
श्री श्याम मंदिर कमेटी तथा विभिन्न समितियों, भंडारों द्वारा खाटू श्याम जी मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था की जा रही है। लेकिन प्रक्रिया को और व्यवस्थित रूप देने के लिए जिला प्रशासन शीघ्र विभिन्न हितधारकों के सहयोग से विस्तृत कार्य योजना बना सकती है जिससे श्रद्धालुओं की लाईनें, विश्राम स्थल, वेटिंग ऐरिया में वितरण केन्द्रों की स्थापना होने से सुगमता रहेगी।
आवास व्यवस्था — तिरुपति बालाजी में प्रतिदिन 45 हजार दर्शनार्थियों के आवास की व्यवस्था तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के द्वारा लगभग 7500 कमरें देवस्थान विभाग के अधीन है। इसके अतिरिक्त मठ, आश्रम, इत्यादि भी है। उसमें भी लगभग 20 हजार दर्शनार्थियों का आवास कर सकते है। आवास के लिए पंजीकरण ऑनलाइन करवा सकते है।
खाटूश्यामजी में विभिन्न प्राइवेट ट्रस्ट, समितियों द्वारा धर्मशाला, गेस्ट हाउस इत्यादि की व्यवस्था है। श्रद्धालुओं को आवास उपलब्ध करवाने, प्रभावी नियंत्रण एवं प्रतिदिन खाटूश्यामजी में उपस्थित श्रृद्धालु की जानकारी संग्रहण के लिए एक ऐप तथा ऑनलाइन केन्द्रीकृत आवास आवंटन व्यवस्था शुरू करने के लिए टीम ने राय दी।
दिव्यांग, वृद्धजनों के दर्शन — टीटीडी के द्वारा दिव्यांग, वृद्धजनों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाता है तथा उनके दर्शनों के लिए पृथक लाईन है। यदि सामान्य लाइन में दिव्यांग,वृद्धजनों का प्रवेश किया जाता है तो वह इमरजेंसी द्वार से पृथक लाइन में भेजा जाता है।
खाटूश्यामजी में नयी व्यवस्था के अन्तर्गत 14 लाइनों में से एक लाइन विशेष रूप से वृद्धजनों, दिव्यांगों के लिए आरक्षित रखी जायेगी।
प्रसाद, भोग, माला — तिरुपति बालाजी तिरुमला मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रसाद, माला चढ़ाने की किसी परिस्थिति में चाहे वीआईपी हो अनुमति नहीं है, वहीं निकास पर फ्री पेड प्रसाद दिया जाता है। खाटूश्यामजी में भी फ्री पेड प्रसाद की व्यवस्था लागू करने पर विचार किया जा सकता है, जिससे श्रद्धालुओं को एक समता से प्रसाद वितरित किया जा सके।
आपातकालीन द्वार व्यवस्था — सम्पूर्ण व्यवस्था सीसीटीवी सर्विलांस पर है जिसका मजबूत कंट्रोल सिस्टम है प्रत्येक सुरक्षाकर्मी के पास वॉकी—टॉकी सिस्टम है। वहीं वेडिंग एरिया में प्रत्येक 50 मीटर पर आपातकालीन निकास द्वार है। खाटूश्यामजी मंदिर परिक्षेत्र में स्थानाभाव है परन्तु वहां पर भी आपातकालीन निकास द्वार और अधिक होने चाहिए।
स्वच्छता, कचरा संग्रहण, डस्टबिन व्यवस्था — तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम (टीटीडी) के द्वारा पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मचारी लगा रखे है, नियमित रूप से सड़कों पर झाडू, शौचालय की पानी सफाई तथा गिला, सूखा कचरा पात्र रखें हुए है। तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम के द्वारा वेस्ट मैनेजमेंट है। तिरुपति मंदिर का क्षेत्र पूर्णतया कचरा रहित, मक्खी, मच्छर रहित शुद्ध वातावरण युक्त परिसर देखा गया। तिरुमाला में प्लास्टिक बोतल, डिस्पोजल आईटम, प्लास्टिक केरी बेग, पूर्णतया प्रतिबंधित है।
खाटूश्यामजी मंदिर कमेटी द्वारा 70 डस्टबिन मेला परिक्षेत्र में रखने के लिये नगर पालिका को उपलब्ध कराये गये है, प्रत्येक एक घंटे में उन कचरा पात्रों को खाली करवाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है। परन्तु प्रत्येक 50 मीटर पर डस्टबिन रखें होने चाहिए। श्रद्धालुओं के ध्यान आकर्षण के लिए संकेतक, पोस्टर, फलेक्स लगाये जाकर कचरा पात्र में ही कचरा डालने के लिए प्रेरित किया जाये। कचरा नियंत्रण हेतु नगर पालिका डी एल बी के जारी दिशा निर्देशों कॆ आधार पर विस्तृत कार्य योजना क्रियान्वित कर सकती है। खाटूश्यामजी में प्लास्टिक को भी पूर्णतया प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, जिससे कचरा संग्रहण व्यवस्थित हो सके ।
चिकित्सा व्यवस्था — तिरुमाला में वेडिंग एरिया के प्रत्येक चार कम्पार्टमेंट की बीच एक मेडिकल सहायता केन्द्र है जहां पर डॉक्टर, नर्स, दवाएं उपलब्ध है।
खाटूश्यामजी में पूर्व में सीएचसी, पावर ग्रिड, तथा मंदिर में मेडिकल सेंटर बनाये जाते है। श्रद्धालुओं के पैदल मार्ग में प्रत्येक 500 मीटर पर चिकित्सा सहायता केन्द्र बनाये जा सकते है, इसके लिए चिकित्सा विभाग, आयुर्वेद, होम्योपैथिक तथा एनजीओ, इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी का भी सहयोग लेने पर विचार किया जा सकता है।
स्वयंसेवक और सुरक्षा व्यवस्था —तिरुपति में स्वयंसेवकों एवं सेवादारों की शानदार व्यवस्था है। इनका पंजीयन ऑनलाइन है तथा इनकी यूनिफॉर्म महिलाएं — केसरिया साडी व पुरूष — सफेद कुर्ता, पायजामा व ग्रीन, केसरिया स्कार्फ लगाकर रखते है। मंदिर के अंदर केवल सक्रिय महिलाएं स्वयंसेवी ही है जो दर्शनार्थियों को आगे बढ़ाने का कार्य करती है। मुख्य मंडप के सामने से केवल तीन लाईन गुजरती है जिनमें क्रमश: 10 सैकेण्ड, 8 सैकेण्ड, तथा 6 सैकेण्ड में दर्शन होते है, जिससे दर्शनार्थी संतुष्ठ दिखाई देते है और वे अनुशासन की पालना करते है।
वेटिंग एरिया, लाइन में नियुक्त सुरक्षा कर्मियों के पास वॉकी— टॉकी सिस्टम तथा प्रत्येक 100 मीटर पर पुलिस पाईन्ट, बेसिक फोन, कम्प्यूटर, सीसीटीवी कंट्रोल वाला केबिन स्थित है।
खाटूश्यामजी में भी स्वयं सेवकों का पंजीयन ऑनलाइन हो, मेले के दौरान उनका ड्रेस कोड, डयूटी ट्रेनिंग, क्या करें,क्या नहीं करें के बारें में बताया जाना चाहिए। स्वयं सेवकों के रूप में 25 से 45 वर्ष के सदभावी एवं विनम्र महिला—पुरूषों को लिया जाना चाहिए। खाटूश्यामजी पुलिस अपनी ड्यूटी एरिया में मॉनिटरिंग प्रभावी रूप से करते है, परन्तु कुशल स्वयंसेवकों एवं सेवादारों की उपलब्धता होने पर, और मन्दिर द्वारा बेहतर तकनीक उपलब्ध कराये जाने पर एक ही जगह इतनी पुलिस का एकत्रीकरण आवश्यक नहीं होगा। पुलिस के निर्देशन में स्वयंसेवकों एवं सेवादारों द्वारा ही भीड का प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा
फायर फाईटिंग — मंदिर परिक्षेत्र खुला एवं पर्याप्त स्थान वाला है, पानी पर्याप्त है मंदिर के अंदर भाग में फायर फाइटिंग सिस्टम प्रत्येक बड़े कॉम्पलेक्स भवनों में है। खाटूश्यामजी में प्रत्येक धर्मशाला, गेस्ट हाउस में फायर फाइटिंग सिस्टम दिया जाना चाहिए।
भिक्षावृत्ति — टीटीडी सुरक्षा, सतर्कता दल, पुलिस विभाग के द्वारा भिक्षावृत्ति पर पूर्णतया रोक है और राज्य में भी लागू करना चाहिए । पुलिस द्वारा सख्त कार्यवाही की जाती है। भिखारियों को किसी भी गली मुहल्ले व मेला क्षेत्र में नही देखा गया।
स्ट्रीट वेंडर, ठेला वाले — टीटीडी द्वारा पृथक—पृथक क्षेत्रों में शॉपिंग जोन बना रखे है। कुछ दूरी 100 मीटर व 50 मीटर पर शॉपिंग बूथ टी स्टॉल लगाने की इजाजत दी गई है तथा अनाधिकृत स्टॉल, शॉप कही भी नहीं है। खाटूश्यामजी में श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ाने के लिए मेला क्षेत्र को विस्तारित और विकसित करने पर विचार किया जा सकता है।
– राजस्थान से राजूचारण