*थाना शेरकोट के ग्राम महमदबाद में अवैध खनन करते हुए थाना अध्यक्ष संजय कुमार ने जेसीबी को लिया अपने कब्जे में
* खनन माफिया अवैध खनन कर कर रहे हैं अपनी चांदी
शेरकोट/बिजनौर- आपको बताते चलें की हरेवली पुलिस चौकी क्षेत्र में खनन माफियाओं का बोलबाला धड़ल्ले से चल रहा है अवैध खनन ।कुछ दबंगों द्वारा चीरा जा रहा है धरती का सीना। अवैध रूप से मिट्टी का खनन करने वाले प्रशासन से भी नहीं डर रहे है। आला अधिकारियों की नाक के नीचे अवैध खनन का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। सफेदपोश और कुर्ता छाप नेताओं के संरक्षण में चल रहा है यह करोबार । वही कर्मचारियों की मिलीभगत से खुलेआम शेरकोट थाना क्षेत्र में खनन कारोबारी करोड़ों रुपए डकार रहे हैं ।आने वाले समय में यह खनन क्षेत्र की भूमिका समतल बिगाड़ दे गा। क्षेत्र की जलवायु को प्रभावित जरूर करेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महमदाबाद गांव के जंगल में जेसीबी द्वारा एक खेत में खनन हो रहा था की पुलिस को सुचना मिलते ही एसओ शेरकोट ने मौके पर पहुँच कर जेसीबी को कब्जे में लिया। कारोबार बड़ा खनन आखिरकार कुछ सफेदपोश नेता की करतूत जनता के सामने आ ही गई। बीती रात चुंगी नंबर 5 के पास दिन के ढलते ही खनन माफिया जेसीबी के सहारे मिट्टी कटान ट्रक व डमपर भर भर कर का कारोबार में लिप्त थे। उस खनन माफिया के पुराने पार्टनर ने पुलिस को सूचना दी और जेसीबी पकड़वा दी थी। बताते चलें कि खनन माफियाओं द्वारा धरती का सीना चीर बेखौफ होकर अवैध रूप से खनन का कार्य किया जा रहा है जिससे सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाने के साथ साथ ही धरती को खोखला भी किया जा रहा है। अवैध रूप से खनन का कार्य कर रहे लोग व उन पर प्रशासन का असर भी नहीं दिखाई देता तभी तो दिन के उजाले में रात के अंधेरे में खनन से भरी हुई ट्रैक्टर ट्राली ट्रक खुलेआम सड़कों पर दौड़ते हुए दिखाई देते हैं ।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर के बड़े पैमाने पर अवैध खनन का कारोबार चल रहा है ।जिसमें नगर के कुछ दलाल उच्च अधिकारियों से चमचागिरी करके इनकी सेटिंग करा देते हैं ।योगी सरकार होने के बावजूद इस तरह का काला कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा। खनन के इस काले कारोबार को कुछ सफेदपोश वह नीली छतरी वाले रहे नेता की शरण प्राप्ति के चलते सैकड़ो टन के हिसाब से अवैध खनन को ट्रैक्टर ट्राली और ट्रक को से भर कर रवाना किया जाता है ।कई नेता तो खनन के कारोबार करके फर्श से अर्श तक पहुंच चुके हैं।
रिपोर्ट अमित कुमार रवि