* साहस, संघर्ष और सफलता की मिसाल बनीं मुजफ्फरनगर की तनु रानी,
*ग्रेपलिंग वर्ल्ड कप में भारत के लिए जीते दो पदक
मुजफ्फरनगर। संघर्ष और मेहनत की मिसाल बनीं मुजफ्फरनगर जनपद की होनहार बेटी तनु रानी ने अपने बुलंद हौसलों और अदम्य साहस के दम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। मूल रूप से खतौली क्षेत्र के ग्राम भैंसी निवासी तनु रानी एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता चेतन कुमार रिक्शा चाला कर और साथ ही पशुपालन कर तथा अन्य मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते रहे, जबकि माता बबली देवी एक गृहिणी हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद भी इस परिवार ने अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया। तनु रानी ने पॉलिटेक्निक के साथ-साथ बी.ए. तथा बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स में भी डिप्लोमा किया है। बचपन से ही उन्हें कुश्ती और रेसलिंग का गहरा शौक था। वर्ष 2015 में अपने जीजा सोनू के मार्गदर्शन में उन्होंने मुजफ्फरनगर के अर्जुन अखाड़ा में कुश्ती का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उन्हें बीच में ही यह प्रशिक्षण छोड़ना पड़ा। इस कठिन परिस्थिति में उनकी मां बबली देवी ने हिम्मत नहीं हारी और मेहनत-मजदूरी कर तनु को दोबारा अखाड़े तक पहुंचाया। तनु रानी की मेहनत रंग लाई और उन्होंने दिसंबर 2024 में दिल्ली में आयोजित स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर अपने माता-पिता और जिले का नाम रोशन किया। इसके बाद उन्होंने 2025 में शिमला में आयोजित नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक हासिल कर खुद को साबित किया। इन्हीं उपलब्धियों के चलते तनु रानी का चयन कजाकिस्तान के अस्ताना में 12 से 15 जून 2025 तक आयोजित ग्रेपलिंग वर्ल्ड कप के लिए हुआ। लेकिन यहां एक बार फिर आर्थिक तंगी उनके सपनों के आड़े आई। वीजा और टिकट के लिए पैसे न होने के कारण उनकी मां ने अपने जेवर गिरवी रखकर बेटी को विदेश भेजने का निर्णय लिया। यह कदम एक मां के अटूट विश्वास और बलिदान का प्रतीक बन गया। जब तनु अस्ताना पहुंचीं, तो उन्हें पता चला कि जिस 70 किलो वर्ग में वे प्रतिभागी थीं, वह श्रेणी मान्य नहीं है। उन्हें मजबूरन 90 किलो भारवर्ग में उतरना पड़ा, जो कि उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन मुजफ्फरनगर की इस बहादुर बेटी ने हिम्मत नहीं हारी और विश्वास के साथ मुकाबले में उतरीं। अपने विरोधियों को एक के बाद एक हराते हुए तनु रानी ने ग्रेपलिंग वर्ल्ड कप में सिल्वर और ब्रॉन्ज दो पदक जीतकर भारत का परचम लहराया। स्वदेश वापसी पर जैसे ही तनु रानी खतौली पहुंचीं, क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। ग्राम भैंसी के प्रधान अमित कुमार, कुशल प्रधान सुधीर वाल्मीकि, धाम सोनू, गौरव, निखिल फौजी, डॉ. अंकुर प्रकाश गुप्ता, आदित्य, दीपक, भाजपा नेता राजू अहलावत, भाजपा जिला अध्यक्ष सुधीर सैनी, अर्जुन अहलावत, विशाल राठौर फौजी सहित क्षेत्र के गणमान्य जनों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका भव्य स्वागत किया और शहर को जश्न में डुबो दिया। तनु रानी ने इस अवसर पर कहा कि वे महान धावक मिल्खा सिंह को अपना रोल मॉडल मानती हैं और उनके जैसी उपलब्धियां हासिल करना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि अब उन्हें भारत का ब्लेज़र भी प्राप्त हो चुका है, और आगे चलकर वे अपने माता-पिता व बहन के लिए कुछ और बड़ा करना चाहती हैं। क्षेत्रवासियों ने तनु रानी को दिल से शुभकामनाएं दीं और उनकी सफलता को देश और समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया। यह न केवल तनु रानी की विजयगाथा है, बल्कि उस संघर्षशील मां-बेटी के अटूट संकल्प और भारतीय नारी शक्ति का प्रतीक भी है।