बरेली। लॉकडाउन में ढील मिलने के बाद घर घर मीटर रीडिग लेने व विद्युत बिल देने का काम शुरू होते ही विद्युत उपभोक्ता बढ़े विद्युत बिलों को देखकर हैरान हैं। इन लोगों को तो कोरोना ने इतना नहीं डराया जितना अब बिजली विभाग बिल थमा कर डरा रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोग इन दिनों भारी भरकम आ रहे बिजली के बिलों से परेशान हैं। लॉकडाउन के बाद से बिजली के बिल देख उपभोक्ताओं को झटका लगा है। लॉकडाउन के दौरान बिजली उपभोक्ताओं को विभाग की ओर से अनुमानित न्यूनतम बिल भेजे गये हैं। लोगो का आरोप है कि बिलों में गड़बड़ी हो रही है। बिलों में अधिक पैसे लगाकर भेजे जा रहे है। इसको लेकर लोग अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे है। लॉकडाउन अवधि के दौरान बिजली बिलों में भारी गड़बड़ी की गई है। विभाग की ओर से घरों में मीटर चेक करने के बजाए औसत आधार पर बिल जारी कर दिये गये। वही, अधिकांश ऐसे उपभोक्ता भी है, जिन्होंने बिल की अदायगी भी कर दी। उसके बावजूद बिल मे पिछले बिल की राशि जोड़कर भेज दी गई है। ऐसे में उपभोक्ता बिजली विभाग के अधिकारियों के चक्कर काट रहे है। शहदाना उप केन्द्र के अन्तर्गत कालीबाड़ी के रहने वाले ओमकार सिंह का कहना है कि पिछले माह सात से आठ सौ रूपये का बिल आता रहा। जिसे लॉकडाउन की वजह से जमा नही कर सके। अब 28 सौ रूपये का बिल भेज दिया गया। बिल सही कराने के अब बिजली दफ्तर जाना पड़ेगा। किला उपकेन्द्र के अन्तर्गत सैनिक कालोनी के रहने वाले नारायण का कहना है कि उनके घर का बिल 1800 रूपये के आसपास प्रतिमाह आता है। लॉकडाउन के दौरान औसतन बिल भेज दिया गया, जो 28 हजार रूपये का है। जिसे ठीक कराने के लिए बिजली दफ्तर के चक्कर लगाने होगें। विभाग ने मोबाइल पर मैसेज कर बिल भेजकर अपने काम की इतिश्री कर ली। प्राइवेट काम करने वाले अखिलेश कुमार का कहना है कि लॉकडाउन में बिजली का बिल दो गुना हो गया। बाजार बन्द होने से रोटी के लाले पड़ गये। अब चिन्ता सता रही है 25 सौ रूपये का बिल कैसे जमा होगा। बाजार न खुलने पर दुकान मालिक एंडवास पैसे नहीं देगा। इस स्थिति में बिजली का बिल बढ़ेगा। हालात ठीक होने पर धीरे-धीरे बिल किश्तो मे जमा किया जायेगा।।
बरेली से कपिल यादव