बरेली। कोरोना संक्रमण काल मे ऑनलाइन पढ़ाई का चलन तेजी से बढ़ रहा है। घर बैठे बिना ट्यूशन के विषयों की पूरी जानकारी मिल जा रही है। खास बात यह है कि इसके लिए पैसे भी खर्च नहीं करने पड़ते है। साथ ही समय की भी बचत होती है। इसी वजह से ऑनलाइन एप की बहार आई है। छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पहले से ही डिजिटल एप मौजूद है। जिसमे ई-ज्ञान कोष, डिजिटल लाइब्रेरी, दीक्षा एप समेत कई सरकारी पोर्टल भी हैं, जिन पर कक्षा एक से लेकर परास्नातक तक के पाठ्यक्रम मौजूद है लेकिन जानकारी न होने से छात्र इनका इस्तेमाल ही नही करते है। कोरोना काल में एक बार फिर से इन डिजिटल एप की याद आ रही है। छात्रों को डिजिटल प्लेटफार्म पर जाकर पढ़ाई के निर्देश दिए जा रहे हैं। बड़े-बड़े कोचिंग संचालक भी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए छात्रों को लुभाने के लिए विज्ञापन दे रहे है। ऑनलाइन भी छात्रों से संपर्क किया जा रहा है। कोरोना काल में शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गई है। पिछले वर्ष मार्च माह में कोरोना ने पांव पसारे तो स्कूल-कॉलेज को बंद कर दिया गये। काफी दिनों के इंतजार के बाद ऑनलाइन पढ़ाई के निर्देश दिए गए। छात्रों को भी बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया। जब हालात सुधरे तो एक बार फिर से इस वर्ष कक्षाएं संचालित हुई लेकिन कुछ महीनों की पढ़ाई के बाद फिर से वही हालात हो गए। शासन ने एक बार फिर से सभी स्कूल-कॉलेज मे कक्षाओं पर रोक लगा दी और ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के निर्देश दिए लेकिन हालात ज्यादा ही खराब हुए और शिक्षकों, अधिकारियों व कर्मचारियों की कोरोना से जान जाने के बाद ऑनलाइन कक्षाओं पर भी रोक लगा दी गई। अब 20 मई से फिर से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित हो गई है। ऐसे में एक बार फिर से छात्रों को डिजिटल एप से जोड़ने के लिए कहा जा रहा है। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा कई डिजिटल प्लेटफार्म पर स्टडी सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इनमें से कई के बारे में तो छात्रों को अभी तक जानकारी नहीं थी। ऐसे में अब छात्रों को इन प्लेटफार्म के बारे में बताया जा रहा है, ताकि शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन कक्षा लेने के बाद छात्र स्वयं इन प्लेटफार्म के जरिए घर बैठकर पढ़ाई कर सकें।।
बरेली से कपिल यादव