कोरोना महामारी मे अंतिम संस्कार की लकड़ी के दामों में भारी बढ़ोतरी

बरेली। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ने से शमशान भूमि में दाह संस्कार करने के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी के दाम एक दम से बढ़ गए है। लकड़ियों के दामों में 33 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। शहर मे एक महीने से तीन से चार गुना तक शव पहुंचाए जा रहे हैं। ऐसे में चिताओं के लिए हर दिन सैकड़ों क्विंटल लकड़ी खप रही है। दाह संस्कार मे काम आने वाले उपले व पुआल भी महंगे हो गए हैं। कुछ श्मशान स्थलों पर चिता की लकड़ी सहित पुआल व उपले के दाम या तो बढ़ा दिए गए या फिर रेट बढ़ाए जाने की तैयारी है। श्मशान स्थल के संचालन समितियों से जुड़े लोगों का कहना है कि कोशिश यही है कि आपदा के इस दौर में रेट न बढ़ाए जाएं लेकिन जब उन्हें ही सामग्री महंगी मिल रही है तो उनके सामने भी विवशता होगी। शहर के सिटी श्मशान स्थल पर हर दिन 35 से 50 के बीच शव अंत्येष्टि के लिए पहुंच रहे हैं। जबकि आम दिनों में यहां सात-आठ शवों का ही दाह संस्कार होता है। बताते हैं कि एक चिता के लिए ढाई से तीन क्विंटल तक लकड़ी लगती है। अंत्येष्टियां कम होने से पहले हर दिन 20 से 25 क्विंटल लकड़ी ही लगती थी लेकिन इन दिनों यह बढ़कर 100 से 125 क्विंटल तक पहुंच गई है। ऐसे में जितनी लकड़ी पहले पूरे साल में खपती थी, उतनी खपत इस समय एक महीने में ही हो गई है। सिटी श्मशान स्थल के सुपरवाइजर त्रिलोकीनाथ ने बताया कि काफी समय से प्रयास हो रहे थे कि लकड़ी के रेट न बढ़ाए जाएं लेकिन जिन ठेकेदारों से खरीद होती थी, उन्होंने कुछ रेट बढ़ा दिए हैं। ऐसे में मजबूरी में अब लकड़ी के रेट 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाए गए है। शहर के दूसरे बड़े संजयनगर श्मशान घाट के प्रबंधक भगवान स्वरूप का कहना है कि श्मशान को लकड़ी देने वाले ठेकेदारों ने लकड़ी के दामों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ोत्तरी कर दी है। हालांकि, अभी अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी खरीदने वालों को पुराने भाव पर ही लकड़ियां उपलब्ध कराई जा रही हैं लेकिन इसी तरह दाम बढ़े तो मजबूरी में कुछ रेट बढ़ाने पड़ सकते हैं। इसके अलावा कंडा पहले 75 से 80 रुपये प्रति सैकड़ा मिल रहा था लेकिन अब इसके दाम 90 रुपये तक कर दिए गए हैं। इसी तरह चिता में इस्तेमाल होने वाली पुआल के रेट भी बढ़ गए है। कोरोना में जहां श्मशानों में हर दिन बड़ी संख्या में चिताएं जल रही हैं तो वहीं लकड़ी की बढ़ी खपत को देखते हुए कुछ मौका परस्त आढ़ती लकड़ी को ऊंचे रेट पर बेचने की फिराक में हैं। शहर के एक श्मशान स्थल के कर्मचारी ने बताया कि कुछ दिन पहले एक आढ़ती उनसे लकड़ी खरीदने के लिए कह रहा था लेकिन उसने काफी रेट बताए थे। अभी श्मशान में काफी लकड़ी उपलब्ध हैं। इसलिए आढ़ती को चलता कर दिया गया था।।

बरेली से कपिल यादव

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