बरेली। कोरोना यानी कोविड-19 का कहर रुहेलखंड पर जारी है। कभी बदायूं में तो कभी बरेली में कोरोना विस्फोट हो रहे है। कहीं एक दिन में 19 तो कहीं 20 पॉजिटिव केस मिलने का मामला तो पुराना हो गया है। अब तो एक दिन में बरेली में 48 पॉजिटिव केस मिलने से बड़ा धमाका हो गया है। एक तरफ पॉजिटिव केस लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अफसर लापरवाह हो गए हैं। अफसरों की लापरवाही का एक बड़ा कारण कोरोना बजट खत्म हो जाना भी है। शुरू में शासन ने कोरोना की मद में भरपूर बजट दिया। जिला प्रशासन को क्वारंटाइन सेंटर बनाने, क्वारंटाइन लोगों के साथ ही श्रमिकों को खाद्यान्न बांटने के लिए, पुलिस को चेक पोस्ट बनाने के लिए, नगर निगम और फायर बिग्रेड को सैनिटाइजेशन के लिए, स्वास्थ्य विभाग को पीपीई किट व मास्क सैंपलिंग के साथ ही मरीजों को भर्ती करने और उनके खाने की व्यवस्था के लिए लाखों रुपए का बजट मिला। जब तक बजट था अफसर खूब दौड़ते रहे जैसे ही बजट खत्म हुआ। अफसरों ने अपने को समेट लिया। अब कई अफसर जहां घर तक सिमटे हैं तो कहीं लखनऊ से हो रही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ही नजर आते हैं। अफसर घर में शिफ्ट है तो नीचे का अमला भी लापरवाह हो गया। नतीजा सबके सामने हैं धड़ाधड़ कोरोना विस्फोट हो रहे हैं। अब अफसरों ने आम जनता को ऊपर वाले के भरोसे छोड़ दिया है। अब तो कंटेंनमेन्ट जोन बनाने में भी लापरवाही बरती जा रही है। हॉटस्पॉट तो गायब ही हो चुके हैं। होम क्वारंटाइन का जो पर्चा घरों पर लगाया जाता था। उसे लगाने की जहमत भी गवारा नहीं की जा रही। आम आदमी के व्यवहार से ही लगता है कि हर किसी ने मान लिया है कि अब कोरोना के साथ जीना है। उसके बाद भी अधिकांश लोग मास्क लगाने में लापरवाही कर रहे हैं।।
बरेली से कपिल यादव