फतेहगंज पश्चिमी/ बरेली। ग्राम रोजगार सेवक संघ ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बकाया मानदेय भुगतान की मांग की है। रोजगार सेवकों ने 36 महीनों के बकाया मानदेय का भुगतान कराने की मांग की। संघ ने पीएम व सीएम को भी इस बाबत पत्र भेजा है। पत्र में बरेली जिले के रोजगार सेवकों ने हाथ जोड़कर अपनी व्यथा को पीएम का सीएम को पत्र भेजकर सुनाई। जिसमे कोरोना महामारी से जंग के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने गरीबों-मजदूरों, किसानों, कामकाजी वर्ग, उद्योगों के लिए कई पैकेज की घोषणा की है लेकिन अनेक संविदा कर्मचारी, योजनाओं के कर्मचारी (स्कीम वर्कर) ऐसे हैं जो अपना ही मानदेय पाने के लिए जूझ रहे हैं। महासंकट की इस घड़ी में उनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। इनमें से हजारों कर्मचारी ऐसे हैं जिनसे कोरोना से जंग में काम भी लिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के 36 हजार रोजगार सेवक ऐसे ही स्कीम वर्कर हैं। जिन्हें 36 महीने का मानदेय नहीं मिला है। उनका यूपी सरकार पर 36 महीने का मानदेय का बकाया है। इस संकट की घड़ी में उनके बकाये का भुगतान किए बिना उन्हें गांव-गांव आए प्रवासी कामगारों की पहचान और उनके बारे में रिपोर्ट तैयार करने के काम में लगा दिया गया है। इस कार्य के लिए उन्हें न तो सुरक्षा उपकरण-(मास्क, दस्ताने) उपलब्ध कराए गए हैं न तो उनका बीमा कराया गया है जबकि इस कार्य में संक्रमण का जोखिम है। महज छह हजार रुपये महीना मानदेय पाने वाले रोजगार सेवकों को वर्षों से समय से मानदेय नहीं मिलता रहा है। कम मानदेय और मानदेय बकाये ने उनकी हालत खराब कर दी है। 36 महीने का मानदेय न मिलने के कारण रोजगार सेवक बेहद आर्थिक तंगी और अवसाद में है। रोजगार सेवकों ने उत्तर प्रदेश सरकार से कई बार मानदेय संबंधी बात हुई कमेटी भी बनी लेकिन उसका निस्तारण आज तक नहीं हुआ। रोजगार सेवकों के साथ यह अन्याय क्यों ।
– बरेली से कपिल यादव