कोरोना के खौफ से अभिभावकों ने स्कूल नहीं भेजें बच्चे, पढ़ाई से ज्यादा सेहत की चिंता

बरेली। सोमवार से प्रदेश भर में कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूल खुल चुके हैं। पूरे 11 माह बाद स्कूल में छोटे बच्चोंं की क्लास लगने की घंटी बजी। लेकिन स्कूल की क्लासें खाली ही नजर आई। जैसे तैसे बड़े बच्चों को अभिभावक स्कूल में परीक्षा और पढ़ाई केलिए राजी हो गए लेकिन छोटे बच्चों के साथ मम्मियां कोई रिस्क नहीं लेना चाहतीं। इसलिए अधिकांश अभिभावकों ने सोमवार को पहले दिन बच्चोंं को स्कूल ही नहीं भेजा। छोटे बच्चों की पढ़ाई के लिए इस पूरे माह आठ दिन ही खुलना है। जिसमें अलग अलग दिन 50 फीसदी ही बच्चों को बुलाया जाएगा। इस हिसाब से एक बच्चा केवल चार दिन ही क्लास में जा सकेगा। ऐसे में चार दिन में बच्चा पूरे साल की पढ़ाई कैसे कर पाएगा। अभिभावक भी बच्चों की सुरक्षा की खातिर अपने लाड़लों को भेजने को तैयार नहीं है। बता दें कि शासन के निर्देश दिए है कि पहले (सोमवार)दिन कक्षा एक, कक्षा पांच, मगंलवार को कक्षा दो और चार के बच्चों की क्लास लगेगी। कैंट स्थित वुडरो स्कूल में भी बेहद कम बच्चे स्कूल पहुंचे। फिलहाल स्कूल की ओर से बच्चों की पढ़ाई की पूरी तैयारी की गई है। जीपीएम स्कूल में पहले दिन एक भी बच्चा नहीं पहुंचा। स्कूलों के खुलने के निर्देश आए जो स्कूलों मे फीस वसूली का अभियान जोर-शोर से चल गया। जिसके बाद अभिभावक डरे हुए हैं कि स्कूल भेजते हैं तो पूरे साल की फीस जमा करने के लिए इन पर दबाव डाला जाएगा। इसलिए अभिभावक डरे हुए हैं। स्कूलों के खुलने के आदेश आ चुके है। लेकिन अभिभावक नहीं चाहते कि अभी ऐसे हालातों में स्कूल खुलें। स्कूल में बच्चोंं को भेजने से पहले अभिभावकों को एक सहमति पत्र देना होगा। जिस पर लिखा होगा हो कि यदि बच्चों को स्कूल टाइम में कुछ होता है या तबीयत खराब होती है तो इसकी जिम्मेदारी स्कूल-कॉलेज प्रशासन की नहीं होगी। अभिभावक अपने रिस्क पर ही बच्चों को स्कूल भेंजे। स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को बाध्य नहीं किया जा रहा है। वहीं,अभिभावक भी छोटे छोटे बच्चों को स्कूल भेजना ही नहीं चाह रहे। कई अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के प्रबंधकों ने सोमवार से छोटे बच्चों की क्लास शुरू नहीं की है। शिक्षकों का कहना है कि अभी तक अधिकांश अभिभावकों के सहमति पत्र न आने और हालातों को देखते हुए पहले दिन किसी भी बच्चें को नहींं बुलाया गया। प्रबंधक इस बारे में पहले शिक्षक स्टाफ के साथ मीटिंग करके कुछ दिन बाद ही बच्चों के आने के लिए अभिभावकों को मैसेज भेंजेंगे।।

बरेली से कपिल यादव

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