कोरोना का खौफ: रमजान के पहले जुमे मे मांगी कोरोना खात्मे की दुआ

बरेली। रमजान का महीना हर मुसलमान के लिए बहुत अहमियत रखता है, जिसमे तीस दिनों तक रोजे रखे जाते हैं। इस्लाम के मुताबिक, पूरे रमजान को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहले दस रोजे रहमत, दूसरे दस रोजे मगफिरत आखिर दस रोजे जहन्नुम की आग से बचाव के लिए होता है। दूसरी बार रमजान में कोरोना का खौफ बना है। ऐसे में घरों से लेकर मस्जिद, मदरसों में कोरोना खात्मे की दुआ हो रही है। रमजान का पहला जुमा रोजेदारों ने अल्लाह की इबादत में गुजारा। शहर की प्रमुख दरगाहों, खानकाहों व मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की गई। सभी जगह मस्जिदों के इमामों ने रमजान की फजीलत बयान कर कोरोना खात्मे की दुआ की। कोविड 19 का पालन करते हुए अधिकांश मस्जिदों में सफे (चटाई) व तौलिया हटा दी। इमामों ने मुख्तसर (छोटा) खुत्बा दिया। नमाजी घरों से वजू करके सुन्नते पढ़ने के बाद मस्जिदों में पहुंचे। शहर मे किला स्थित जामा मस्जिद, दरगाह आला हजरत, खानकाह-ए-नियाजिया, दरगाह शाह शराफत मियां, दरगाह वली मियां, दरगाह शाहदाना वली, जसोली की पीराशाह मस्जिद, मलूकपुर की मुफ्ती आजम मस्जिद, पुराना शहर की मिर्जाई मस्जिद, 6 मीनारा मस्जिद, नूरानी मस्जिद, हबीबिया मस्जिद, गौसिया मस्जिद, कलंदर शाह मस्जिद, करोलान की आला हजरत मस्जिद, कचहरी वाली मस्जिद, चौकी चौराहा की मस्जिद, जखीरा की इमली वाली मस्जिद, कंगी टोला की नूरी मस्जिद, बिहारीपुर की मस्जिद बीबी जी की मस्जिद में शुक्रवार को दोपहर 12.30 से 3.30 बजे तक जुमे की अलग-अलग समय पर नमाज अदा की गई। दरगाह आला हजरत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) ने सहरी की फजीलत बयान करते हुए कहा कि सहरी खाया करो, इसमें बरकत है। ये नबी-ए-करीम की सुन्नत है। हालांकि सहरी रोजे के लिए शर्त नही है, सहरी के बगैर भी रोजा हो सकता है। मुफ्ती अहसन मियां ने दुनियाभर से कोरोना जैसी बीमारी के खात्मे की दुआ करते हुए कहा कि लगातार दूसरा साल है कि मुसलमान रमजान में पूरी तरह से इबादत नहीं कर पा रहा है। देश एक बार फिर लाकडाउन की तरफ बढ़ रहा है। रोजेदार भी अपने रब की बारगाह में गुनाहों की माफी मांगें। अल्लाह बड़ा करीम है, वो हमारी दुआ जरूर कुबूल करेगा। जल्द ही कोरोना वायरस का दुनियाभर में खत्मा होगा। इस मौके पर मुफ्ती सलीम नूरी, मुफ्ती कफील हाशमी, मौलाना बशीर उल कादरी, मौलाना जाहिद रजा, औरंगजेब नूरी, मंजूर खान, शाहिद नूरी, अजमल नूरी, परवेज नूरी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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