बरेली। सटे राज्यों से लौटे मजदूरों से गांव वालों ने दूरियां बनानी शुरू कर दी। कोरोना फैलने के डर से उपेक्षित मजदूर सरकारी अस्पताल में जांच कराने पहुंचे। सैकड़ों लोगों की जांच कराने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। डॉक्टरों की टीम मजदूरों का जांच करने में जुटी है। फरीदपुर के गांव करपिया, लौंगपुर, फरर्खपुर, भूरे खां गौटिया सहित तमाम गांव के लोग दिल्ली राजस्थान से मजदूरी करके लौटे। तमाम मजदूरों को खांसी और बुखार की शिकायत थी। गांव के लोगों ने मजदूरों से जांच कराने के लिए कहा। लेकिन उन्हें जांच कराने से इंकार कर दिया। जिसके बाद गांव के लोगों ने मजदूरों से दूरियां बना ली। यहां तक कि परिवार वालों ने अपनों का घर के बाहर अलग बिस्तर डाल दिया। कोरोना के डर से दो दिन उपेक्षा झेलने के बाद मजदूरों ने सरकारी अस्पताल में जांच करने का फैसला लिया। सोमवार को सुबह से ही सैकड़ों मजदूर सरकारी अस्पताल में पहुंचे। अस्पताल के अधीक्षक डॉ बासित अली ने उन्हें दूर-दूर कतार में खड़ा करा कर जांच शुरू की। अधिकतर मरीजों को खासी जुखाम और बुखार के लक्षण पाए गए। भुता के गांव भवनपुर न्यामतुल्ला में चंडीगढ़ से आया एक मजदूर बीते दो दिन से गांव के बाहर रह रहा है। गांव के लोग उसे दूर से खाना दे रहे हैं। लोगों ने एसडीएम को मामले की जानकारी देकर चंडीगढ़ से आए मजदूर की जांच कराने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है चंडीगढ़ से आए मजदूर को खांसी जुकाम और तेज बुखार आ रहा है। इसलिए उसमें कोरोना के संदिग्ध लक्षण है। एसडीएम ने डॉक्टरों की टीम को गांव भेजा है।।
– बरेली से कपिल यादव