बरेली। देश भर में बेरोजगारों को रोजगार दिलाए जाने की मांग के स्वर उभर रहे है। सेवायोजन कार्यालय की बात करे तो भारी भरकम स्टाफ तैनात है। कोरोना काल में शासन ने संक्रमण से बचाव के लिए सरकारी दफ्तरों में 33 फीसदी उपस्थिति के साथ वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी थी। जिससे सरकारी कामकाज बाधित न हो। रोजगार दफ्तर का काम पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार दिलाना है। इसके बाद भी कोरोना का बहाना बनाकर सेवायोजन कार्यालय मे अफसर कर्मचारियों ने मई के महीने में किसी भी बेरोजगार को रोजगार उपलब्ध नहीं करवाया है। एक जून को ऑनलाइन जॉब फेयर कर 18 बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ा है जबकि जिले में 67407 बेरोजगार वर्तमान में पंजीकृत है। विभागीय अफसर कर्मचारियों की हीलाहवाली के चलते बेरोजगारों को रोजगार दिलाने मे अफसर कर्मचारी फेल होते दिखाई दे रहे है। जिससे जिले भर में शिक्षित बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। विभाग के अफसर जॉब फेयर में आने वाली विभिन्न कंपनियों का मुंह ताकते देखे जाते हैं। रोजगार दफ्तर में पंजीकृत होने के बाद भी शिक्षित युवाओं को बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ रहा है। कोरोना कम होने पर पचास फीसदी कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ सरकारी कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है। रोजगार दफ्तर में प्रतिदिन सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट मनमाने तरीके से प्रेषित की जा रही है। मीडिया के द्वारा आंकड़ा मांगे जाने के बाद अफसर कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए साल दर साल बेरोजगारों को आंकड़ा उपलब्ध कराने से परहेज करते नजर आ रहे है। अफसर कर्मचारी एक दूसरे पर टालते नजर आते है। रोजगार दफ्तर में 14 से 80 साल तक कोई भी व्यक्ति महिला पुरूष निशुल्क पंजीकरण करवा सकता है। सरकार ने 35 साल तक नौकरी में उम्र सीमा तय की है जबकि इससे ज्यादा उम्र वाले यानी साठ साल या उससे अधिक वालों केपंजीकरण होने पर यदि सरकार से योजनाएं क्रियान्वित होती है तो उसका लाभ दिया जाता है। पिछली सरकार में बेरोजगारों को रोजगार भत्ता में ऐसे पंजीकरण वालों को लाभान्वित किया गया था। देश-प्रदेश और अपने जिले में ग्रेजुएट-पोस्ट ग्रेजुएट, आईटीआई केसाथ डिग्रीधारकों ने रोजगार दफ्तर में ये सोचकर पंजीकरण तो करवा लिया है कि शायद विभाग की तरफ की कोशिश के बाद पढ़ाई लिखाई का लाभ मिल सके। दफ्तर में बैठे अफसर कर्मचारियों द्वारा दिलचस्पी न लिए जाने की वजह से होनहार शिक्षित युवाओं को बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ रहा है। शासन की मंशा है कि अधिक से अधिक शिक्षित बेरेाजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाए जाएं। इसके लिए सरकार ने रोजगार दफ्तर के माध्यम से इस बार 19 रोजगार मेले का आयोजन कराने का लक्ष्य तय किया गया है। रोजगार मेले में विभिन्न कंपनियों के माध्यम से शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करवाना उददेश्य होता है। सेवायोजन कार्यालय के सहायक निदेशक त्रिभुवन सिंह ने बताया कि मई महीने में कोरोना संक्रमण रफ्तार बढऩे से शासन की तरफ से रोजगार मेले केलिए पूरी तरह से प्रतिबंध था। जिसके चलते संक्रमण की भयाभवता के चलते मई महीने में किसी को रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। जून महीने में 19 रोजगार मेले का लक्ष्य मिला है। हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा पंजीकृतों को रोजगार से जोड़ा जाए, इसके लिए विभिन्न कंपनियों से संपर्क भी किया जा रहा है।
बरेली से कपिल यादव