राजस्थान /बाड़मेर – कोरोना का भय आमजन में आज-कल काफी बढ़ा हुआ है। अस्पताल में भर्ती मरीज मानसिक तनाव व अवसादग्रस्त मिल रहे हैं। इसका सीधा असर मरीज की मानसिक स्थिति पर भी पड़ रहा है। मरीजों के तीमारदार भी एंजायटी के शिकार हो रहे हैं। चूंकि कोरोना भडभडी केवल भय व तनाव उत्पन्न कर रहा है। ऐसे में सबसे पहले भय को दूर करने के लिए सरकारी अस्पताल में डा दिनेश कुमार सौलकी कोविड़ पॉजिटिव मरीजों व उनके तीमारदारों को मानसिक उपचार देने के साथ ही उनकी काउंसलिंग भी समय-समय पर कर उनके डर को हमेशा के लिए दूर कर रहे है।
डॉ सौलकी ने बताया कि प्रतिदिन कोविड अस्पताल में ड्यूटी के दौरान व समयानुसार कोविड़ सेंटर पर जाकर मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच व उनके उपचार कर रहे हैं और उनके डर को दूर कर उनका मनोबल बढ़ा रहे है।
डॉ सोलंकी ने बताया कि अस्पताल परिसर में भी प्रतिदिन 4 से 5 मरीज, कोविड अस्पतालों में ओपीडी व इंडोर में भर्ती करीब एक दर्जन मरीज मानसिक तनाव व अवसाद के मिल रहे हैं। मरीजों के तीमारदार भी एंजायटी के शिकार हो रहे हैं। इसमें अस्पताल में भर्ती मरीज हिम्मत हारने लगता है और सोचने लगता है कि उसके बीमार होने के बाद उसके परिवार का क्या होगा। जबकि सबसे पहले मरीजों को बीमारी के बारे में सकारात्म सोच रखनी चाहिए। यह एक फ्लू बीमारी है। इसमें सही इलाज व उचित देखभाल से ही मरीज जल्द स्वस्थ होता है। राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का समय-समय पर पालन करें और अपने परिवारजनों के साथ घरों में सुरक्षित रहे।
राजस्थान से राजू चारण