लखनऊ- कैबिनेट की हुई मीटिंग गाजीपुर के लिए भी खुशखबरी का पैगाम लेकर आई। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में गाजीपुर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज के लिए 220.45 करोड़ रुपए के बजट की स्वीकृति दे दी गई। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इलाहाबाद शहर का नाम प्रयागराज करने के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लग गई। इलाहाबाद का ऐतिहासिक नाम प्रयाग था। 1583 में मुगल शासक अकबर ने इसका नाम इलाहाबाद किया था। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने की मांग लंबे समय से साधु संत कर रहे थे। इतिहास के जानकारों की माने तो अकबर ने 1574 में गंगा के तट पर किले की नींव रखी थी, जो 1583 में तैयार हुआ था, तब इस शहर का नाम अल्लाहाबाद रखा था, जो बाद में इलाहाबाद कहलाने लगा।
कैबिनेट की बैठक में 12 अन्य प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। सरकार ने दुग्ध नीति को ब्लॉक स्तर पर ले जाने के लिए मंजूरी दी। फैसला लिया गया कि उत्कृष्ट दुग्ध उत्पादकों को नंद बाबा अवार्ड दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में सात मेडिकल कॉलेजों को एटा- 216.8 करोड़, देवरिया- 201.9, फतेपुर- 212.50 करोड़, गाजीपुर- 220.45, हरदोई- 206.33, प्रतापगढ़- 213, सिद्धार्थनगर- 245.11 करोड़ का बजट दिया गया है।
मालूम हो कि गाजीपुर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए एमएलसी विशाल सिंह चंचल लंबे समय से प्रयासरत थे।उन्होंने तमाम स्तरों पर मेडिकल कॉलेज को लेकर अपनी कोशिशें जारी रखी हुई थी। ऐसे में मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए बजट स्वीकृत होना एमएलसी विशाल सिंह चंचल के प्रयासों का नतीजा माना जा रहा है।
गाजीपुर से प्रदीप दुबे की रिपोर्ट