बरेली। केंद्रीय जल आयोग मे सपोर्ट स्टाफ के पद पर तैनात बरेली डिवीजन के कर्मचारियों ने ठेकेदारों पर गाली-गलौज, उत्पीड़न और नौकरी से निकाल देने की धमकी का आरोप लगाते हुए एसएसपी से शिकायत की है। जिसमें आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की गई है। इस दौरान पीड़ित कर्मचारियों ने ठेकेदार और अधिशासी अभियंता पर अपने शोषण और सरकारी रकम के बंदरबांट का भी आरोप लगाया है। दरअसल केंद्रीय जल आयोग मे मध्य गंगा की निचली रामगंगा बरेली डिवीजन-टू मे सपोर्ट स्टाफ के पद पर करीब 24 कर्मचारी विभिन्न साइटों पर पिछले पांच सालों से कार्यरत है। इस काम के लिए उन्हें नॉन मानसून सीजन मे चार घंटे ड्यूटी का पांच हजार और मानसून सीजन मे आठ घंटे ड्यूटी का सात हजार रुपये मिलता है। लेकिन पिछले सालों की अपेक्षा इस बार सरकार से डेढ गुना धनराशि जारी की है। जिसके अनुसार सपोर्ट स्टाफ को मासिक वेतन करीब 14 हजार रुपये प्रति माह मिलना चाहिए लेकिन ठेकेदार बिना वेतन बढ़ाए ही उन लोगों से डरा-धमकाकर काम करा रहे है। वही रुपये बढ़ाने की मांग करने पर गाली-गलौज, मानसिक उत्पीड़न और नौकरी से निकालने की धमकियां दे रहा है। इस विषय मे सपोर्ट स्टाफ के कर्मचारी बरेली स्थित केंद्रीय सहायक श्रमायुक्त से मुलाकात कर शोषण बंद करने और वेतन बढ़ाने की मांग कर चुके है लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधन नही हुआ है। इसके बाद शुक्रवार को एसएसपी को शिकायत देकर आरोपी ठेकेदार के खिलाफ मानसिक उत्पीड़न, गाली-गलौज समेत अन्य धमकियां देने पर कार्रवाई की मांग की है।।
बरेली से कपिल यादव