कृष्ण-सुदामा मित्रता का प्रसंग सुन फूलों की होली के साथ भागवत कथा का समापन

बरेली। शहर के कैंट मे स्थित श्री हरी मंदिर सत्संग भवन मे चल रही श्रीमद्भागवत कथा का समापन हो गया। कथा व्यास श्री प्रेमानुरागी कृष्ण कोकिला लाडली ने आखिरी दिन सुदामा चरित्र प्रसंग का वर्णन किया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहे। समापन के मौके पर फूलों की होली खेली गई। कथावाचन के दौरान सुदामा चरित्र, बृज की फूलों की होली, सुखदेव विदाई का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि हमेशा धर्म के मार्ग पर चलें। कर्म करो लेकिन फल की इच्छा मत करो। कर्म करने वाले को उचित फल अवश्य मिलता है। उनके बताएं सच्चाई के रास्ते पर चलने वाला भक्त जीवन में कभी हार का सामना नहीं करता है। सुदामा चरित्र का बखान करते हुए कहा कि संसार में मित्रता भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की तरह होनी चाहिए। उन्होंने श्रीकृष्ण व सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि स्वाभिमानी सुदामा ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सखा कृष्ण का चिंतन और स्मरण नहीं छोड़ा। जिसके फलस्वरूप कृष्ण ने भी सुदामा को परम पद प्रदान किया। कथा के अंत में बृज की फूल होली खेली गई। इस दौरान सुदामा के श्रीकृष्ण के पास द्वारका नगरी पहुंचने के नाट्य मंचन ने उपस्थितजनों को भाव विभोर कर दिया। इस दौरान रीता मेहता, आरती मेहता, नीलम साहनी, जया खुराना,सीमा सूरी, दीपाली मेहता, कृष्ण मेहता, सुधीर मेहता, वैभव जयसवाल, राजकुमार शर्मा, शान्तुज मिश्रा, ललित मोहन मल्होत्रा व छप्पन भोग परिवार का विशेष सहयोग रहा।।

बरेली से कपिल यादव

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