राजस्थान/बाड़मेर- आपने अब तक शादी के निमंत्रण पत्रों पर देवी देवताओं के अलावा छोटे बड़े नेताओं के फोटो ही छपे हुए देखे हैं। अब एक पुलिस अफसर का फोटो भी देखिए। लेकिन चौंकिए बिल्कुल भी नहीं।
बाड़मेर में आयोजित होने जा रहे हैं एक विवाह समारोह के निमंत्रण पत्र पर कॉर्नर में सीनियर आईपीएस अफसर और जोधपुर रेंज के आईजी रहे और आजकल महानिरीक्षक मादक पदार्थ विरोधी कार्यदल जयपुर विकास कुमार की तस्वीर उनके नशे की रोकथाम के खिलाफ संदेश के साथ छपी है। विकास कुमार अब जोधपुर रेंज के आईजी नहीं हैं लेकिन यहां आईजी रहने के दौरान नशे और नशा तस्करों के खिलाफ चलाए गए उनके अभियान की छाप लोगों के दिलों में जोरदार पड़ी है।
यह कार्ड इसका जीता जागता सबूत है। “नशे की अधीनता हमें कदापि नहीं स्वीकार होगी, नशे से होगी लड़ाई अबकी बार तो आर पार होगी। सृजन औ ध्वंस के बीच निर्णायक छिड़ेगा द्वन्दयुद्ध, विजय होगी हमारी और नशे की करारी हार होगी।
वरिष्ठ पत्रकार अरविंद चोटिया की सोशलमीडिया पर वायरल एक्स पोस्ट के अनुसार आमतौर पर शादी के निमंत्रण पत्रों पर कई कार्यकर्ता अपने पसंदीदा नेताओं की तस्वीर छपवा लेते हैं। इसमें दस फ़ीसदी सम्मान होता है और निब्बे फ़ीसदी चमचागिरी और इस बहाने अपने नेता को विवाह समारोह तक आने के लिए मजबूर करने की चाहत भी कहीं ना कहीं होती है। इसके उलट एक पुलिस अफसर की तस्वीर सिर्फ और सिर्फ सम्मान ही हो सकती है।
इसके पीछे का कारण सामाजिक तो है ही, उससे ज्यादा आर्थिक भी है। मारवाड़ में शादी के खर्चे में एक बड़ा हिस्सा नशे का भी होता है। कहीं शराब तो कहीं अफीम डोडा पोस्त। यह खर्च लाखों रुपए का होता है। मृत्यु के अवसर पर भी अफीम पर बड़ा खर्च होता है। मारवाड़ क्षेत्र के ही मेरे एक मित्र ने मुझे कुछ वर्ष पूर्व बताया था कि उनके पिताजी के इलाज में साढ़े तीन लाख रुपए खर्च हुए थे और मृत्यु के पश्चात सिर्फ अफीम की मान मनुहारो पर साढ़े चार लाख रुपए खर्च हुए थे। अब सोचिए कि अगर किसी ने इतना बड़ा परिवर्तन लाने का काम किया है तो लोग उसके प्रति आभारी होंगे ही।
शादी और मृत्यु के अवसर पर नशे की बाध्यता खत्म होना मारवाड़ क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी और सकारात्मक बदलाव है।
– राजस्थान से राजूचारण
