*खरीफ गोष्ठी का शुभारम्भ, कहा खेतों में खाद, कीटनाशक दवाओं के ज्यादा प्रयोग होने से भूमि की उत्पादकता शक्ति में कमी आयी, शून्य लागत में खेती करने के तकनीक को बताया
आजमगढ़- जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में नेहरू हाल के सभागार में जनपद स्तरीय खरीफ गोष्ठी का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज खेतों में खाद तथा कीटनाशक दवाओं के ज्यादा प्रयोग होने से भूमि की उत्पादकता शक्ति में कमी आयी है। हम किसान भाईयों को भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए जैविक खेती तथा कीटनाशक दवाओं का कम से कम प्रयोग करने पर बल देना चाहिए। उन्होने किसानों को शून्य लागत में खेती करने के तकनीक को भी बताया। उन्होने कहा कि इसी प्रकार जो खेतों में फसल अवशेष हैं, उनको जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है तथा भूमि के अन्दर जो जीवाणु रहते हैं वो भी मर जाते हैं। उन्होने कहा कि हम अपने शरीर का पैथोलाॅजी चेक बीमारी जानने के लिए कराते हैं, लेकिन भूमि में किन पोषक तत्वों की कमी है, इसके लिए हम अपने भूमि का मृदा स्वास्थ्य परीक्षण नही कराते हैं। हम सभी किसान भाईयों को समय-समय पर मृदा स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहना चाहिए, जिससे जानकारी होती है कि हमारी भूमि में नाइट्रोजन, फास्फोरस आदि तत्वों की मात्रा कितनी है, उसके अनुसार भूमि का उपचार करवाते हैं। जिलाधिकारी ने किसानों से कहा कि समूह बनाकर खेती करें, तथा उत्पादों को बेचने के लिए हार्वर्ड मार्केट लिंकेज करायें। उन्होने किसानों को अपने खेतों में पेड़ लगाने के लिए भी जोर दिये, पेड़ लगाने से भूमि में जल का स्तर बना रहता है। उन्होने किसानों को फसलों को बदल-बदल कर बोने के लिए प्रेरित किया तथा कहा कि ऐसे फसलों का उत्पादन करें जिसमें पानी का कम से कम प्रयोग हो। आगे उन्होने बताया कि व्यक्तिगत लाभार्थी के रूप में लघु एवं सीमान्त किसान अपने भूमि पर वर्मी कम्पोस्ट, खेतों में मेढ़ बनाना तथा उसका अनुरक्षण, तथा नर्सरी प्लान्ट आदि का कार्य मनरेगा से कर सकते हैं, मनरेगा के अन्तर्गत लेबर तथा मैटेरियल का भुगतान होगा। दि न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड के प्रतिनिधि द्वारा किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होने बताया कि किसान भाई खरीफ फसल के अन्तर्गत धान, मक्का, अरहर के खेती का बीमा करा सकते हैं। उन्होने बताया कि इस योजना का लाभ ऋणी तथा गैर ऋणी किसान ले सकते हैं। उन्होने बताया कि जिन किसानो के पास किसान क्रेडिट कार्ड है उन किसान भाईयों को उक्त फसलों का बीमा बैंक द्वारा स्वतः किया जायेगा, इसके लिए किसानों को संबंधित बैंक में खसरा, खतौनी तथा आधार कार्ड उपलब्ध कराना होगा। उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रचार प्रसार हेतु जनपद के प्रत्येक ब्लाक पर कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा, इस कार्यशाला में गैर ऋणी किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत अपने खरीफ की फसल का बीमा करा सकते हैं। यह कार्यशाला ब्लाक स्तर पर 21 जून से कृषि विभाग के साथ मिलकर प्रारम्भ किया जायेगा। उन्होने यह भी बताया कि खरीफ के अन्तर्गत फसलो के बीमा की अन्तिम तिथि 31 जुलाई 2019 है। उन्होने बताया कि किसान भाईयों को सुगमता के लिए प्रत्येक ब्लाक पर दि न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड का कार्यालय बनाया जायेगा। उन्होने बताया कि किसी भी उम्र का किसान इस योजना से जुड़ सकता है, इस योजना से जुड़ने के लिए किसानों के पास आधार कार्ड, बैंक खाता व जमीन के दस्तावेज जैसे, खसरा, खतौनी का होना आवश्यक है। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीकी एवं शोध एवं समसामयिक जानकारी दी गयी। जिसमें कृषि वैज्ञानिक डाॅ0 रणधीर नायर द्वारा किसानों को वर्मी कम्पोस्ट, जैविक खेती आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। कृषि वैज्ञानिक डाॅ0 आरके आनन्द द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताया गया। डाॅ0 एलसी वर्मा द्वारा पशुपालन तथा किसानो की आय दोगुनी कैसे हो, इस संबंध में भी विस्तार से बताया गया। उप कृषि निदेशक डाॅ0 आरके मौर्य द्वारा किसानों को कृषि यंत्रों में मिल रहे अनुदान के बारे मे जानकारी दी गयी। प्रगतिशील किसान महेन्द्र सिंह ने खेती से संबंधित अपने अनुभव को किसानो को साझा किया। उन्होने बताया कि किसान भाई शून्य लागत पर भी खेती कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को एक देशी गाय पालना होगा, जो साहिवाल हरियाणा या गंगा तीरी प्रजाति की हो। किसान भाई उस गाय के गोबर तथा गो-मूत्र को आटा तथा गुड़ की सहायता से जीवामृत तैयार कर सकते हैं। उन्होने बताया कि एक गाय के गोबर और मूत्र से 30 एकड़ तक की खेती की जा सकती है। उन्होने बताया कि जीवामृत को 200 लीटर पानी में मिला लें, खेतों की सिंचाई के दौरान प्रयोग करेंगे तो खेतों में केचुए जमीन के अन्दर से निकलना शुरू होंगे, जिससे भूमि शुद्ध होगी तथा भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी। इस अवसर पर कृषि विभाग द्वारा किसानों में लिए स्टाल भी लगाया गया था। किसानों द्वारा प्रत्येक स्टालों पर जाकर जानकारी भी प्राप्त किया गया।
इस अवसर पर संयुक्त कृषि निदेशक सुरेश कुमार सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डाॅ0 आरके सिंह, दि न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड के वरिष्ठ मण्डलीय प्रबंधक एनबी मणि, परियोजना निदेशक अभिमन्यु सिंह, उप कृषि निदेशक डाॅ0 आरके मौर्य, जिला सूचना अधिकारी डाॅ0 जितेन्द्र प्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी डाॅ0 उमेश कुमार गुप्ता सहित अधिक संख्या में किसान भाई उपस्थित रहे।
रिपोर्ट:-राकेश वर्मा आजमगढ़