राजस्थान/बाड़मेर- कुछ लोग इस संसार में ऐसे होते हैं, जो अपना जीवन पूर्णतः जनसेवा को समर्पित कर देते हैं। वे अपने निजी लाभ-हानि की परवाह किए बिना, केवल समाज के कल्याण और दूसरों की भलाई के लिए कार्य करते हैं। उनकी भावनाएँ, उनका समर्पण और उनकी निःस्वार्थ सेवा समाज के लिए एक प्रेरणा बन जाती है। ऐसे ही असाधारण व्यक्तित्व का उदाहरण हैं अधिवक्ता सुनीता चौधरी, जो मारवाड़ के गांधी वरिष्ठ अधिवक्ता हेमाराम चौधरी की अधिवक्ता पुत्री हैं।
हाल ही में दुधू धोरीमन्ना निवासी मोहन लाल पुत्र चेनाराम बेनीवाल की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इस दुखद घटना के बाद उनकी धर्मपत्नी अमरू देवी के लिए अधिवक्ता सुनीता चौधरी ने निःशुल्क रूप से कानूनी लड़ाई लड़ी और उनके परिवार को दुर्घटना बीमा के तहत पिचयासी लाख रुपये का क्लेम दिलवाया। यह कार्य न केवल उनके कानूनी कौशल को दर्शाता है, बल्कि उनके हृदय में बसी मानवता और करुणा को भी उजागर करता है। उन्होंने एक पीड़ित परिवार को न केवल आर्थिक सहायता दिलवाई, बल्कि उनके जीवन में आशा की नई किरण भी जलाई।
स्मरण रहे की सुनीता चौधरी का योगदान यहीं तक सीमित नहीं है। हेमाराम चौधरी ने थार की भावी पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी बेशकीमती जमीन दान में दी, ताकि वहाँ एक छात्रावास का निर्माण हो सके। उनकी सुपुत्री ने इस नेक कार्य को और आगे बढ़ाते हुए पाच करोड़ रुपये की लागत से विरेंद्र धाम नाम से एक भव्य छात्रावास भवन का निर्माण करवाया और इसे सर्वसमाज को समर्पित कर दिया। यह छात्रावास न केवल शिक्षा का केंद्र बनेगा, बल्कि थार की भावी पीढ़ियों को एक नई दिशा और अवसर प्रदान करेगा।
अधिवक्ता सुनीता चौधरी का यह निःस्वार्थ योगदान और उनकी समाजसेवा की भावना थार के लोगों के लिए एक अनमोल उपहार है। उनकी उदारता, समर्पण और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें इस क्षेत्र के हर दिल में सम्मान और प्रशंसा का पात्र बना दिया है। गुड़ामालानी और समूचा थार क्षेत्र इस अमूल्य सेवा को युगों-युगों तक याद रखेगा।ऐसे व्यक्तित्व न केवल समाज के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि यह भी सिखाते हैं कि सच्ची सेवा वही है, जो बिना किसी स्वार्थ के, केवल दूसरों के कल्याण के लिए की जाए। सुनीता चौधरी का जीवन और उनका कार्य हम सभी के लिए एक आदर्श है, जिसे अपनाकर हम समाज को और बेहतर बना सकते हैं।
– राजस्थान से राजूचारण
