*अपना भारत मोर्चा के संयोजक ने कृषि कानूनों की वापिसी को बताया किसानों की जीत
फरीदाबाद। अपना भारत मोर्चा के संयोजक डा. अशोक तंवर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापिस लेने की घोषणा को किसानों की जीत बताते हुए कहा कि किसानों का शांतिपूर्वक तरीके से किया गया संघर्ष सफल रहा और अहंकारी सरकार को किसानों, मजदूरों के आगे झुकने पर विवश होना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस पूरे आंदोलन को लगभग एक साल का समय बीत गया और करीब 700 लोगों ने इसमें शहादत भी दी। किसान आंदोलन के चलते जहां दिल्ली के चारों बार्डर सील रहे वहीं किसी न किसी रूप से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व उत्तरप्रदेश का पश्चिमी भाग प्रभावित रहा और लोगों का जन-जीवन भी अस्त-व्यस्त रहा और अब आने वाले संसद सत्र में इन कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा। श्री तंवर शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित होटल मैगपाई टूरिज्म में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उनके साथ मुख्य रूप से फरीदाबाद के फाउंडर मेम्बर पंडित राजेंद्र शर्मा, सहीराम रावत, केसी शर्मा, सरदार निरंजन सिंह, सुनील एडवोकेट, बिजेंद्र कबीरा, राजेश त्यागी, गजेंद्र सिंह, जोगेंद्र ङ्क्षसह, संतराज, महावीर तंवर आदि मौजूद थे। डा. अशोक तंवर ने कहा कि आखिर सरकार ने क्या सोच कर इन तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने का निर्णय लिया है, यह तो उन्हें नहीं पता, लेकिन यह किसानों, मजदूरों की आंशिक सफलता है, जिसके लिए व उनको बधाई देते है क्योंकि उनके शांतिपूर्वक संघर्ष, एकता ने इस अहंकारी सरकार को डूबाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अभी यह लड़ाई बहुत लम्बी है, सरकार सीबीआई व ईडी डायरेक्टर के पदों के कार्यकाल बढ़ाने को लेकर तो अध्यादेश ले आई, लेकिन इन संवैधानिक पदों पर सरकार के हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जनता में सरकार की नीयत को लेकर शंकाएं है इसलिए आगामी संसद सत्र में मोदी सरकार को इन फैसलों पर विचार करना चाहिए ताकि लोगों की शंकाएं दूर की जा सके। साथ ही साथ एमएसपी, फसलों के दामों तथा बिजली कानून जैसे तमाम मुद्दों पर भी गंभीरता से विचार करे। ऐलानाबाद उपचुनाव के मुद्दे पर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को घेरते हुए अशोक तंवर ने कहा कि इन्होंने साम-दाम-दंड-भेद सब नीति अपनाई, सत्ता में जीत हासिल करने के लिए शासन प्रशासन का भी प्रयोग किया, लेकिन सफल नहीं रहे इसलिए यह लड़ाई बड़ी है और हमें मिलकर लडऩी है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर यह तीनों कृषि कानून रद्द हो जाएंगे तो वह इस्तीफा दे देंगे, श्री तंवर ने कहा कि कानून रद्द हो चुके है इसलिए अब मुख्यमंत्री को भी अपने कथन को पूरा करना चाहिए। वैसे भी अब इस सरकार को सत्ता में ज्यादा दिन बने रहना मुश्किल है, जनता इनकी नीति और नीयत जान चुकी है। श्री तंवर ने कहा कि अपना भारत मोर्चा का संगठन निरंतर मजबूत हो रहा है, हरियाणा के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों में भी संगठन को लांच किया जा रहा है और जल्द ही राजनीतिक रूप से यह एक बड़ा संगठन बनकर उभरेगा। उन्होंने उपस्थितजनों को गुरूनानक दिवस व कार्तिक पूर्णिमा की बधाई देते हुए कहा कि गुरूनानक देव ने सदैव लोगों को सच्चाई का रास्ता दिखाया और प्यार, भाईचारे व एकता का संदेश दिया।
किसानों-मजदूरों का संघर्ष रंग लाया, अहंकारी मोदी सरकार झुकी : अशोक तंवर
