नवाबगंज, बरेली। बंदी के कगार पर पहुंची ओसवाल चीनी मिल पर करोड़ों के बकाये के बाद अब किसान संगठनों ने गन्ना समितियों के बहिष्कार की चेतावनी दी है। गन्ना भुगतान नही होने और ब्याजमुक्त बीज खाद दिलाने की मांग को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया और मांग पूरी नही होने पर गन्ना समिति का भी बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। भारतीय किसान यूनियन ने नेता चंद्र प्रकाश गंगवार पप्पू के नेतृत्व मे गन्ना भवन पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करते हुए गन्ना किसानों को बिना ब्याज के उर्वरक बीज व पेस्टीसाइड उपलब्ध कराने की मांग की है। आरोप है कि ओसवाल चीनी मिल पर किसानों का करोड़ो रुपया बकाया चल रहा है। किसानों को बकाया पर कोई ब्याज नहीं मिल रहा लेकिन गन्ना समितियों से किसानों को महंगे ब्याज पर खाद बीज लेना पड़ रहा है। पिछले भुगतान के साथ ही बिना ब्याज के खाद, बीज, उपलब्ध न कराने पर किसान नेताओं ने गन्ना समिति का भी बहिष्कार करने की घोषणा की है। गन्ना चेयरमैन निर्भय गंगवार ने किसान नेताओं की मांगों का शीघ्र निस्तारण कराने का आश्वासन दिया है। विरोध व्यक्त करने वाले किसानों मे मास्टर हीरालाल गंगवार, फतेह चंद गंगवार, खेमकरन पंडा, सेवाराम, हरदेव सिंह, रामरतन, तुलाराम व पुत्तूलाल आदि किसान नेता मौजूद रहे। गन्ना समिति की सचिव मेघा जोशी ने बताया कि मिल द्वारा मिलने वाले अंशदान से समिति कर्मियों को वेतनादि दिया जाता है। भुगतान न मिलने से हमारे सामने भी समस्या है। गन्ना सचिव ने बताया कि ओसवाल मिल के न चलने की सम्भावना के चलते मिल के सभी गन्ना खरीद केन्द्र धामपुर, द्वारिकेश व एल एच चीनी मिलों से सम्बद्ध किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। गांव गरगइया के किसान हरिओम गंगवार का कहना है पूरा परिवार गन्ने पर निर्भर है। पिछली पेराई का पैसा नही मिला और अब यदि मिल बंद हो गई तो भुखमरी की नौबत आ जाएगी। बंजरिया के रामऔतार बोले, पास की मिलें पहले से ही ओवरलोड रहती हैं। ऐसे में इन मिलों को इस क्षेत्र का गन्ना खपाना भी महंगा साबित होगा।।
बरेली से कपिल यादव