किसानों के 252 करोड़ के बकाये में दो चीनी मिलों की संपत्ति कुर्क

बरेली। गन्ना किसानों का बकाया नही चुकाने वाली मिलों पर सरकार सख्त हो गई है। लगातार चेतावनी और नोटिस देने के बाद भी बहेड़ी की केसर चीनी मिल और नवाबगंज की ओसवाल चीनी मिल ने किसानों का 252 करोड़ भुगतान नहीं किया तो सख्ती करते हुए गुरुवार को इनकी संपत्ति को कुर्क कर दिया गया। इन्हें बेचकर किसानों के बकाये का भुगतान किया जाएगा। नवाबगंज में किसानों के करोड़ों रुपये दबाये बैठी औरंगाबाद स्थित ओसवाल चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का 70 करोड़ रुपये बकाया है। जिसमें गत सत्र का करोड़ों रुपया भी शामिल है। ओसवाल चीनी मिल ने पिछले भुगतान के साथ ही इस सीजन में गन्ने का भुगतान न के बराबर किया है। गन्ने का भुगतान न करने पर गन्ना आयुक्त ने 26 मई को चीनी मिल के विरुद्ध आरसी जारी कर दी गई थी। इसके बाद भी मिल प्रबन्धन ने भुगतान नहीं किया गया। गुरुवार को एसडीएम उदित पवार के नेतृत्व में तहसीलदार दुष्यन्त प्रताप सिंह, नायब तहसीलदार सत्यवीर सिंह व राजस्व स्टाफ ने पूरे मिल परिसर की कुर्की की कार्यवाही कर गन्ना सचिव मेधा चतुर्वेदी को चाबी सौंप दी। तहसीलदार दुष्यन्त प्रताप सिंह ने बताया कि मिल के गोदाम में 18,900 क्विंटल चीनी पायी गई है। इसके साथ मशीनरी सहित पूरे मिल परिसर को सीज कर दिया गया है। विधिवत सारे सामान व भूमि का मूल्यांकन कराने के बाद इसकी नीलामी कर किसानों के बकाए का भुगतान किया जाएगा। वही बहेड़ी की केसर चीनी मिल को कई चेतावनी के बाद भी गन्ना किसानों का 182 करोड़ बकाये का भुगतान नहीं करने पर केसर चीनी का मुडिया फार्म को गुरुवार को कुर्क कर दिया गया। केसर चीनी मिल ने इस सीजन मे किसानों को गन्ने का भुगतान न के बराबर किया है। किसानों का मिल पर 182 करोड़ रुपए बकाया है। गन्ना आयुक्त द्वारा दिनांक 26 मई को को चीनी मिल के विरुद्ध आरसी जारी कर दी थी। जिसके बाद गुरुवार को जिला गन्ना अधिकारी ने मिल का मुंडिया फॉर्म कुर्क कर दिया है। जिला गन्ना अधिकारी ने नायब तहसीलदार की उपस्थिति में तहसील प्रशासन द्वारा चीनी मिल बहेड़ी के मुड़िया फार्म के कुर्की की कार्यवाही की। इस मौके पर ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक बहेड़ी, सचिव गन्ना समिति बहेड़ी, लेखपाल एवं अमीन भी उपस्थित रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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