कार्यालय एक और अधिकारी दो, कानपुर CMO दफ्तर में जमकर ड्रामा

कानपुर- कानपुर में बुधवार को स्वास्थ्य विभाग में अजीब स्थिति देखने को मिली, जब एक ही पद को लेकर दो वरिष्ठ अधिकारी आमने-सामने आ गए. मामला है मुख्य चिकित्साधिकारी CMO की कुर्सी का. जहां हाईकोर्ट से बहाल होकर लौटे पूर्व CMO डॉ. हरिदत्त नेमी बुधवार को अचानक पहुंच गए और कुर्सी संभाल ली, जबकि वर्तमान में शासन से नियुक्त CMO डॉ. उदयनाथ पहले से पद पर मौजूद हैं. असमंजस की इस स्थिति में दोनों अधिकारी एक ही कार्यालय में, एक ही कमरे में, अलग-अलग कुर्सियों पर बैठ गए. सीएमओ दफ्तर में पहुंचे डॉ. हरिदत्त नेमी को कुछ सप्ताह पहले कानपुर के जिलाधिकारी से टकराव के बाद शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया था. डॉ. हरिदत्त नेमी ने बताया कि मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनका निलंबन रद्द कर दिया और उन्हें पूर्व पद पर बहाल करते हुए कार्यभार ग्रहण करने की अनुमति दी. उनका कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर मैं सीएमओ कार्यालय पहुंचा हूं. उन्होंने मीडिया से कहा, मैं हाईकोर्ट के आदेश में स्पष्ट लिखा है कि मुझे पूर्व स्थान पर ही बहाल किया जाए. आदेश की कॉपी मैंने उपलब्ध करा दी है.इसी बीच मौजूदा CMO डॉ. उदयनाथ भी कार्यालय पहुंचे और वहां डॉ. नेमी को बैठा देख हैरान रह गए. उन्होंने स्थिति को समझते हुए बगल में अपनी कुर्सी लगवा ली और वहीं बैठ गए. उन्होंने कहा, मुझे प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कानपुर सीएमओ पद की जिम्मेदारी दी है. जब तक मुझे शासन से कोई नया आदेश नहीं मिलता, मैं अपनी ड्यूटी यहीं निभाता रहूंगा.डॉ. हरिदत्त नेमी का निलंबन एक वायरल ऑडियो क्लिप के बाद हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति डीएम के खिलाफ कथित टिप्पणी करते हुए और पैसों की व्यवस्था को लेकर बातचीत करता सुनाई देता है. दावा किया गया था कि यह आवाज डॉ. नेमी की है. हालांकि, उन्होंने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि, यह मेरी आवाज नहीं है, यह मुझे बदनाम करने की साजिश है. आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से किसी की भी आवाज को मॉर्फ किया जा सकता है. लेकिन जब जिलाधिकारी ने बैठक में उनसे ऑडियो को लेकर जवाब मांगा, तो असंतोषजनक जवाब मिलने पर उन्हें बैठक से बाहर भेज दिया गया. इसके बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया और उनकी जगह डॉ. उदयनाथ की तैनाती कर दी गई.इस विवाद ने तब और तूल पकड़ लिया जब विधानसभा अध्यक्ष और कानपुर के वरिष्ठ भाजपा नेता सतीश महाना ने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र लिखकर डॉ. नेमी के पक्ष में हस्तक्षेप किया. उन्होंने लिखा कि डॉ. नेमी जनता के प्रति बेहद संवेदनशील अधिकारी हैं और योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में उनकी भूमिका सराहनीय रही है. विधायक सुरेंद्र मैथानी और एमएलसी अरुण पाठक ने भी इस संबंध में डिप्टी सीएम को पत्र भेजकर डॉ. नेमी को कानपुर में बनाए रखने की अपील की. वहीं दूसरी ओर, बिठूर के भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर डॉ. नेमी को भ्रष्टाचार में लिप्त बताते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की. उन्होंने लिखा, “डॉ. नेमी स्टाफ के साथ अभद्रता करते हैं, आदेशों की अवहेलना करते हैं और तबादलों में मनमानी करते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *