बरेली। शहर मे हुए बवाल के बाद कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर प्रतिनिधिमंडल के बुधवार को शहर पहुंचकर डीआईजी को ज्ञापन देने का कार्यक्रम था। इसमें स्थानीय स्तर के नेता भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल के आने की सूचना पर सुबह से पुलिस अलर्ट हो गई। प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने वाले नेताओं को उनके घरों से बाहर ही नहीं निकलने दिया गया, जबकि जिले के नेताओं को भी उनके घरों में ही पुलिस ने नजरबंद कर दिया। आई लव मुहम्मद के विवाद में शुक्रवार को शहर में हुए बवाल के बाद से अभी तक जिले के हालात तनावपूर्ण हैं। शहर में प्रमुख स्थानों पर अभी भी बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर लगातार दबिश दे रही है। कांग्रेस ने बुधवार को डीआईजी से मिलकर ज्ञापन देने का कार्यक्रम तय किया था। कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में सांसद इमरान मसूद, शाहनवाज खान, जिलाध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी, महानगर अध्यक्ष दिनेश दद्दा समेत पूर्व महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला समेत अन्य नेता शामिल होने थे। पुलिस ने सुबह से ही प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने वाले सभी नेताओं को उनके आवास पर ही नजरबंद करके बाहर नहीं निकलने दिया। इसके चलते कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के नेता डीआईजी से मुलाकात करके ज्ञापन नही दे सके। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने बुधवार को सोशल मीडिया पर लिखकर कहा कि बरेली में जाने के क्रम में कांग्रेस नेताओं को हाउस अरेस्ट करना सीधे तानाशाही है। लोकतंत्र में विपक्ष से सरकार इतना डरती है कि पुलिस प्रशासन से मिलने जा रहे नेताओं के घर से बाहर निकलने पर भी पहरा लगा दिया है। उन्होंने कहा कि बरेली प्रकरण में जिस तरह से मुख्यमंत्री बयान दे रहे हैं वह न सिर्फ निंदनीय है, एकतरफा कार्रवाई के लिए पुलिस को उकसाता भी है।।
बरेली से कपिल यादव