फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। बरेली सहित भारत के अनेक राज्यों में पतंगबाजी की कला प्राचीन कलाओं में शामिल रही है। लेकिन बदलते समय यह धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। कस्वे मे एएनए रोड पर स्थित रबड फैक्ट्री की खाली पड़ी जमीन पर पतंग महोत्सव के जरिए विलुप्त होती इस कला को बचाने का एक सशक्त प्रयास बरेली के कस्बा फतेहगंज पश्चिमी से चल रहा है। 20 फरवरी से शुरु हुए अखिल भारतीय स्तर के पतंग टूर्नामेंट में देशभर की 128 टीमें भाग ले रही हैं। कस्वे में पतंग महोत्सव में देशभर के ख्याति प्राप्त पतंग बाज खिलाड़ी अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे है । टूर्नामेंट में 30 टीमें हिस्सा लेकर खेल चुकी है। रविवार को पत्रकार वार्ता में काईट फ्लाइंग वेलफेयर सोसाइटी बरेली द्वारा आयोजित ऑल इंडिया काईट फ्लाइंग टूर्नामेंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंटू दादा ने बताया 20 फरवरी से टूर्नामेंट शुरू हो चुका है। रविवार की शाम तक 10 टीमें और खेल चुकी है। सोमवार से बुद्धवार तक होली के त्यौहार पर बंद रहेगा और गुरुवार से दोबारा फिर से शुरू होगा। सचिव नितिन लाला ने बताया एक माह तक चलने वाले टूर्नामेंट में 128 टीमें भाग लेंगी। वाइस प्रेसिडेंट पंकज अग्रवाल ने बताया रविवार के दिन इलाहाबाद बरेली मुरादाबाद के बीच पतंगबाजी हुई। इसके बाद प्रतिदिन 128 टीमों के मध्य तीन ग्रुपों में मुकाबले होंगे और फाइनल में जीतने वाली टीम को प्रथम पुरस्कार के रूप में एक लाख एक हजार सौ, उपविजेता टीम को 51 हजार और तृतीय टीम को 21000 रुपये व मैन ऑफ द टूर्नामेंट के रूप में 5100 रुपये धनराशि पुरस्कार दी जाएगी। जनरल सेक्रेटरी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि महोत्सव के अंतिम दिन पतंगबाजी का एक अलग आनंद पूरे बरेली के समक्ष प्रस्तुत करेंगे इसके लिए खिलाड़ियों ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देकर शुरु कर चुके है।।
– बरेली से कपिल यादव