बरेली। बरेली के कलाकारों को मुख्य भूमिका मे लेकर बनी सत्य घटना पर आधारित फिल्म “क्या होता हैं जब …? की रिलीज 21 फरबरी दिन शुक्रवार को हिन्द टाकीज बरेली मे मेगा प्रीमियर के साथ होगी, फ़िल्म 21-27 यानि फिलहाल एक सप्ताह तक रोजाना 4 शो मे देखा जा सकेगी। फ़िल्म की अवधि 3:14 घंटे की है। पूर्णत बरेली के कलाकारों को मुख्य भूमिका मे लेकर बनी फ़िल्म की विषयवस्तु मूलतः प्रेम सम्बधो पर आधारित हैं ज़िसमे आजकल के दौर के प्रेम की हकीकत को दिखाया गया है, इंसान के जीवन की सबसे बडी जीवनदायिनी चीज़ हैं जो हर इंसान के जीवन मे कभी न कभी दस्तक देता ही है। प्रेम विश्वास और समर्पण के बिना इंसान के जीवन मे क्या असर होता हैं इसी विषय के इर्द-गिर्द घूमती कहानी “क्या होता है जब…?” समाज मे होने वाली कई घटनाओं के कारण पर भी प्रकाश डालती हैं ज़िनके कारण अक्सर घर टूट जाते हैं और इंसानी जीवन में ज़हर घुल जाता है!
फ़िल्म मे मुख्य भूमिका मे हैं राजीव कुमार शर्मा, सिम्मी गुप्ता, अर्चना पंकज आर्य, सचिन श्याम भारतीय, शोभीत, नरेन्द्र य़ादव, गौरव धीरज, किशोर कुमार, सुमित, गौरी शंकर शर्मा, पिंकी, अभिषेक गुप्ता, शुरेश शर्मा, आशुतोश, विक्की सकसेना, वेभव सक्सेना, मानवेंद्र यादव, अंकित कटियार, गीतेश मौर्य, राजीव कुमार आदि। फिल्म मे संगीत संयोजन, रिकॉर्डिंग, मिक्सिंग अनुज शर्मा, रितम शर्मा ने की है, सुमधुर दो गीत ‘वो चांद ज़मी पर जब छत से आ जाये तो’, और दूसरा ‘ये इश्क बडा नादान’ को लिखा और आवाज दी हैं फिल्म के लेखक निर्माता निर्देशक संपादन राजीव कुमार शर्मा ने। बरेली की ये पहली हिन्दी फीचर फिल्म है जो सेंसर से UA+16 सर्टिफिकेट के साथ थिएटर में रिलीज हो रही है।
पत्रकार वार्ता मे बरेली की जनता से फिल्म के कलाकारों की टीम ने अधिक से अधिक संख्या मे देखने की अपील करते हुए कहा कि फ़िल्म को ज़िस शिद्धत के साथ बनाया गया है, 2018 से शुरू हुई ये फिल्म 7 साल मे बनकर तैयार हो पाई जिसके लिए कई घटनाये ज़िम्मेदार रहीं !
निर्माता ने ज़िस तरीके से उन नकारात्मक फैक्टर का सामना किया, शायद ही कोई ऐसी स्थिति मे फिल्म पुरी कर पाता। निर्माता की सूझ बुझ का नतीजा रहा कि फिल्म सभी वाधाओं को पार करती आज रिलीज़ के लिये तैयार हो सकी है !
कुछ कलाकारों की अनुबन्ध विरुद्ध कार्य करने के कारण फ़िल्म बार बार अटकती रही और कुछ कलाकारों की कार्य के प्रति निष्ट्ठा के चलते फिल्म पूरी हो पायी ! जहां फिल्म एक ओर निर्माता की कई समस्याओं के संघर्ष से जूझती रही वहीं अन्य कलाकारों की उम्मीद, कुछ कलाकारों की गलतियों से उलझती रही और आज जीत हुई। अब असली जीत तब होगी जब बरेली की जनता उसे ज़ितायेगी और फिल्म को आपना प्यार देगी।
– राजस्थान से राजूचारण