बरेली। चौबारी घाट पर नौ दिन तक चलने वाले कार्तिक मेले की व्यवस्था व निगरानी के लिए प्रशासन द्वारा गठित 19 सदस्यीय प्रबंधकों की कमेटी ने जिम्मेदारियों का प्रबंध करने मे असमर्थता जता दी है। सभी प्रबंधकों ने बुधवार को इस आशय का पत्र भी डीएम को लिखा है। रामगंगा के चौबारी घाट पर पहली नवंबर से 8 नवंबर तक लगने वाले नौ दिवसीय कार्तिक मेले की व्यवस्था तथा निगरानी के लिए मंगलवार को प्रशासन द्वारा 19 सदस्यीय मेला प्रबंधकों की कमेटी गठित की गई। कमेटी ने बुधवार शाम को डीएम अविनाश सिंह को पत्र लिखकर मेला की सारी जिम्मेदारियों का प्रबंध करने मे असमर्थता जताई है। मेला कमेटी के मुख्य प्रबंधक जयवीर सिंह तथा प्रदीप पांडेय ने बताया कि प्रशासन ने उन्हें 13.50 लाख रुपए जमा करने के लिए आदेश दिया है। साथ ही यातायात पुलिस द्वारा आदेशित किया गया है कि इस बार गांव के भीतर से वाहन गुजारे जाएंगे। इस पर मेला प्रबंधकों ने गांव में किसी भी समय दुर्घटना होने की आशंका जताते हुए मेला का प्रबंधन करने से साफ इनकार किया है। मेला प्रबंधकों का कहना है कि वह केवल लाइट, साउंड, सीसीटीवी कैमरा, पेयजल (हैंडपंपों) की ही व्यवस्था पहले से करते आए है और वही व्यवस्था कर पाएंगे। इन व्यवस्थाओं के अलावा प्रशासन प्रबंधकों पर जबरन विभिन्न व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी थोप रहा है। उप जिलाधिकारी सदर प्रमोद कुमार ने बताया कि मेला प्रबंधक जो लाइट साउंड कैमरा पेयजल आदि की व्यवस्था करते आए है। उसी की व्यवस्था करने के लिए उनसे कहा गया था। बाकी सारी व्यवस्थाएं प्रशासन के द्वारा की जाती है। बताया कि मेला प्रबंधक जबरन मनमानी ढंग से मेले मे मौत का कुआं लगवाना चाहते है। झूलों की अनुमति अभी जारी नही की गई है। फिर भी अनुमति जारी हुए बिना ही मेला प्रबंधकों ने झूले लगवा दिए है। जिसका प्रशासन के द्वारा विरोध किया गया। इस विरोध के चलते मेला प्रबंधक आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति पैदा कर रहे है लेकिन अनैतिक मनमानी किसी स्थिति मे बर्दाश्त नही की जाएगी।।
बरेली से कपिल यादव
