कड़वा सच……अधिकारी और कर्मचारी समयबद्ध जन समस्याओं का निराकरण करे

बाड़मेर/ राजस्थान- राज्य की अशोक गहलोत सरकार के अन्तिम चार छ महिने भी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाली जनसुनवाई या फिर मंत्री संत्री का दौरा होने पर जनसाधारण से लगभग सौ दो सौ से अधिक ज्ञापनों को सौपा जाता है। यह ज्ञापन सौंपकर खुशी खुशी घर लौटने के बाद इंतजार करने के सिवाय कोई चारा नहीं बचा है।आने वाले फरियादी दूर दराज के गांवों, पंचायतों, तहसीलों, पुलिस थानों,उपखंड मुख्यालयों पर ओर रहीं सही कसर जिला मुख्यालय पर विराजमान जिला प्रशासन के कारिदौ द्वारा भी जनसाधारण के लिए अपनी शिकायतों का निस्तारण करने के दौरान भगवान से कम नहीं होता है। लेकिन आजकल भगवान भी भक्तों की आधुनिक युग में हाईटेक प्रणाली में भोलाराम का जीव की तरह फाइलों में दफन हो कर रह गया है।

एकमात्र वाक्य हर आफिस या कार्यालय में जगह जगह पर मौजूद रहता है और ज़ोर ज़ोर से कानों में गर्म तेल छिड़ककर दर्द को ओर बढ़ा देता है। आज़ जिला मुख्यालय पर जनसुनवाई कर आम लोगों से रूबरू हुये तथा संबंधित विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को त्वरित समस्या निराकरण करने के निर्देश दिए।

जनसुनवाइयौ में सौ डेढ़ सौ,दो सौ ओर कभी कभार तीन सौ से अधिक प्रकरण प्राप्त हुये जिनमें एक-एक प्रकरण पर संबंधित विभागों से मौके पर ही चर्चा कर समयबद्ध समस्या निराकरण करने की बात कही। उन शिकायतों को सम्पर्क पोर्टलों पर या फिर एक सौ इकयासी पर डालकर ठंडा होने के लिए हमेशा की तरह टाय टाय फिस्स….

जनसुनवाई के दौरान जनसुनवाई करने वाले अधिकांश लोगों द्वारा रटा रटाया शब्द ….उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से वंचित न रहे यह सुनिश्चित किया जाये। अधिकारी कार्यालय में आने वाले प्रत्येक नागरिक की संवेदनशीलता के साथ सुनवाई करे। जिससे उन्हें कार्योलयों के बार बार चक्कर नहीं लगाने पड़े।

सबसे ज्यादा सिर्फ सुनाई देता है वो शब्द इस तरह से होता है, उन्होंने कहा कि जनसुनवाई में आये हुए सभी प्रकरणों में परिवादी को की गई कार्यवाही से भी अवगत करवाये। उन्होंने प्रत्येक परिवादी से व्यक्तिशः रूबरू होकर सम्पूर्ण प्रकरण की जानकारी ली तथा संबंधित विभागों को मौके पर ही समस्या निराकरण के निर्देश दिए। जनसुनवाई में विभिन्न सामाजिक संगठनों, कार्मिक संघों ने भी रही सही कसर के ज्ञापन प्रस्तुत किये। व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं में उन्होंने परिवादी की पात्रता के आधार पर त्वरित लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए। हमारे राज्य के मुखिया अशोक गहलोत सरकार को इससे ज्यादा सोचने की जरूरत है और इसके लिए सरकार के पास में अभी भी सिर्फ एक सो अस्सी दिनों का समय शेष है।

– राजस्थान से राजूचारण

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