बरेली- उत्तर प्रदेश में हज़ारों मदरसों को बंद करने तथा दिल्ली में पुलिस द्वारा नमाज़ियों के साथ की गई बदसलूकी व धार्मिक भावनाओं के अपमान के संबंध में राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन आज रजा एक्शन कमेटी ने जिलाधिकारी बरेली को सौंपा।
दुनिया भर के करोड़ों सुन्नी मुसलमानों के केंद्र दरगाह आला हज़रत के संगठन ऑल इंडिया रज़ा एक्शन कमेटी (आरएसी) की ओर से दो गंभीर मुद्दों पर था। पहला उत्तर प्रदेश में हज़ारों मदरसे बंद करने की साजिश के संबंध में जिसमे कहा गया कि उत्तर प्रदेश में हुकूमत आतंकी फंडिंग का नाम लेकर हज़ारों मदरसे बंद करने की साज़िश कर रही है। समाचार पत्र आदि में प्रकाशित ख़बरों के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि कुछ मदरसे विदेश से आतंकी फंडिंग के रूप में आई धनराशि से बनाए गए हैं। यहाँ ध्यान देने योग्य बिंदु यह है कि उत्तर प्रदेश की हुकूमत केवल “माना जा रहा है” के आधार पर इतनी बड़ी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की तैयारी में है। सच यह है कि अगर किसी एक व्यक्ति के पास भी आतंकी फंडिंग आई है तो ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए ज़िम्मेदार विभाग व संस्थाएं स्वयं शक के घेरे में क्यों नहीं आतीं? केवल प्रोपागंडा चलाकर आतंकी फंडिंग के नाम पर धमका कर हज़ारों मदरसों को बंद करने की साज़िश संवैधानिक पद पर बैठे नेता व अधिकारी रच रहे हैं। यदि कुछ मदरसों में किसी प्रकार की अनियमितताएं हैं तो उनको तकनीकि प्रशिक्षण व सहयोग देकर ऐसी समस्याएं दूर कराई जाएं और मदरसों को इतना मज़बूत बनाया जाए कि वहाँ पढ़ने वाले छात्र आगे चलकर देश की तरक़्क़ी में अहम किरदार निभा सकें। इस संबंध में हमारी आपसे यह माँग है कि इस हिटलरशाही फ़रमान को तुरंत निरस्त करने की व्यवस्था करें ताकि शांतिपूर्ण ढंग से पढ़ने-लिखने वाले लाखों छात्रों का जीवन बर्बाद न होने पाए।
दूसरा मुद्दा था नई दिल्ली में पुलिस द्वारा नमाज़ियों की पिटाई व नमाज़ का अपमान ।सोशल मीडिया व अन्य समाचार माध्यमों से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें नई दिल्ली पुलिस इंद्रलोक इलाक़े में नमाज़ पढ़ते लोगों की पिटाई कर रही है, उनको लातें मार रही है और नमाज़ जैसी पवित्र इबादत का अपमान कर रही है। इस पर हमारी माँग है कि उक्त पुलिसकर्मियों पर इतनी कड़ी क़ानूनी कार्रवाई की जाए कि कहीं और इस प्रकार की घटना न होने पाए।
सच यह है कि देशभर में मुसलमानों के विरुद्ध नफ़रत का जो माहौल बनाया गया है, उसमें सैकड़ों साल पुरानी मस्जिदें शहीद की जा रही हैं और नई मस्जिदों का निर्माण नई परंपरा के नाम पर रोका जा रहा है। ऐसे में नई दिल्ली व अन्य शहरों में जुमा (शुक्रवार) जैसे कामकाज के दिन मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए मस्जिदों में जगह कम पड़ रही है। मस्जिदें बनाना और उनमें नमाज़ पढ़ना मुस्लिम समुदाय का धार्मिक दायित्व ही नहीं बल्कि संवैधानिक भी अधिकार है, जिसे उत्पीड़नात्मक ढंग से रोका जा रहा है। इसलिए हमारी आपसे माँग है कि पुरानी मस्जिदों की हिफ़ाज़त की जाए, उनका विस्तार सुनिश्चित किया जाए और नई मस्जिदें को निर्माण में बाधाएं न डाली जाएं।
इस मौके पर हाफिज इमरान रज़ा मौलाना कमरुज्जमा अब्दुल लतीफ कुरैशी ताज खान राजू बाबा रजब अली साजू मुजफ्फर अली हनीफ अजहरी सईद सिब्तैनी मोहम्मद जुनैद सय्यद शाहनवाज हुसैन राशिद रज़ा मोहम्मद चांद सय्यद रिजवान समीर रज़ा शाहनवाज़ रज़ा मोहम्मद यूसुफ अनवर हुसैन रिजवान रज़ा उवैस खान राशिद गद्दी जाहिद गद्दी मोहम्मद अहमद अफजल रज़ा हाफिज आरिफ रज़ा सलीम मिर्जा काशिफ रज़ा मौलाना लईक मौलाना रफी मौलाना साजिद रज़ा सलमान रज़ा मौलाना तालिब रज़ा फहमिश रज़ा खान जाहिद हुसैन फुरकान रज़ा जिया उर रहमान मोईद रज़ा सय्यद मुशर्रफ हुसैन इरशाद रज़ा शहरोज रज़ा रियाज़ रज़ा शहबाज़ रज़ा अज़ीज़ रज़ा अख्तर रज़ा मोहम्मद आरिफ आफताब हुसैन शारीक रज़ा मजहर रज़ा मौलाना सय्यद सफदर अली उस्मान रज़ा मौलाना बाबू उद्दीन समीर उद्दीन मौलाना अज़हर रज़ा मोहम्मद कासिम फहीम खान अकरम रज़ा अंसार रज़ा मोहसिन अली रेहान अली इमरान अली आरिश अली अनीस इंजीनियर सय्यद नासिर अली साहिल रज़ा मुश्तियक अहमद उस्मान रज़ा सय्यद रेहान सहित बड़ी तादाद में आर ए सी पदाधिकारी वा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
– बरेली से तकी रज़ा