आजमगढ़- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी भारत सरकार द्वारा एससीएसटी एक्ट को फिर से लोकसभा में पारित कर प्रभावी बनाये जाने को लेकर सवर्ण समाज काफी नाराज है। एससी एसटी एक्ट 2018 प्रताड़ना बचाओं मंच के पदाधिकारियों ने इसे सवर्णो के लिए काला कानून बताते हुए जिलाधिकारी से मिलकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश , राज्यपाल व प्रधानमंत्री को को सम्बोधित ज्ञापन सौपा और एक देश एक कानून की मांग किया।
गोविन्द दूबे ने कहाकि एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के विरूद्ध केन्द्र सरकार द्वारा लोकसभा में अध्यादेश लाने से सभी सवर्ण समाज के लोग परेशान है। सरकार ने अपने फैसले से सामाजिक समरसता पर चोट पहुंचाने का काम किया है। जिसका मंच घोर निन्दा करता है। ऐसे कानून से समाज में जातिगत भेदभाव की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
विवेक पाण्डेय ने एससी-एसटी एक्ट को सवर्णो के लिए काला कानून बताते हुए कहाकि इस कानून के प्रभावी होने से इसका दुरूपयोग काफी बढ़ जायेगा और अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी भी निर्दोष को साजिश के तहत फंसाकर कानून के साथ खिलवाड़ किया जायेगा। जिसके कारण भारतीय कानून की गरिमा पर भी चोट पहुंचेगा।
रजनीश राय एवं जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहाकि इस एक्ट के प्रभावी होने से समाज के एक वर्ग का उत्पीड़न बढ़ेगा। ऐसे में एक्ट में संशोधन की नितांत आवश्यकता है ताकि समय रहते समाज को टूटने से बचाया जा सके और सामाजिक समरसता, अखंडता कायम रह सके। अंत में मंच के पदाधिकारियों ने जातिगत संघर्षों को बढ़ावा देने वाले कानून का विरोध करते हुए एससी एसटी एक्ट में तत्काल संशोधन कर एक देश-एक कानून की पूरजोर मांग किया।
इस अवसर पर प्रिंस सिंह, आशीष पाण्डेय, सोमू सिंह, रविप्रताप सिंह, अभयानंद पाण्डेय बजरंग सिंह, रतन पाण्डेय, आकाश मिश्रा, शशांक तिवारी, कुंदन सिंह, अमित सिंह, कुंवर रणविजय सिंह, विनोद श्रीवास्तव, प्रशांत सिंह, शिवाकांत पाण्डेय, सौरभ पाण्डेय आदि मौजूर रहेे।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़