एयरपोर्ट पर पार्किंग फीस के नाम पर एंट्री टैक्स की वसूली, लोगों ने जताई नाराजगी

बरेली। शहर के एयरपोर्ट पर पार्किंग फीस के नाम पर एंट्री टैक्स की वसूली की जा रही है। अथॉरिटी की मिलीभगत से कुछ गुंडे पार्किंग के नाम पर एंट्री फीस वसूल रहे है। किसी को लेने या ड्रॉप करने जाने वालों से पार्किंग के नाम पर एंट्री फीस तक की वसूली की जा रही है। जबकि जिस फर्म का ठेका बताया जा रहा है उस फर्म का पता या ठेकेदार का नंबर तक पर्ची पर दर्ज नही है। पर्ची पर आरके इंटरप्राइजेज लिखा है। जिसका पता सिविल एयरपोर्ट, बरेली लिखा गया है। जैसे यह फर्म एयरपोर्ट अथॉरिटी की है। एयरपोर्ट पर गुंडों द्वारा की जा रही वसूली से खुद भाजपा के नेता भी आहत है। आंवला से तीन बार विधायक रहे राजवीर सिंह के पुत्र धीरेन्द्र वीर सिंह भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट किया है कि एयरपोर्ट पर 30 मिनट के लिए पार्किंग के बीस रुपये वसूले जा रहे हैं। अगर एक मिनट ऊपर हुआ तो 15 रुपये और चार्ज लग जाएगा। चाहे प्लेन के कारण देर हुई हो और आरके इंटरप्राइजेज नाम के ठेकेदार ने गुंडे रख रखे है। उनका कहना है कि इज्जत प्यारी है तो रुपये दो। जबकि पर्ची पर टाइम क्या डाला यह पता नही। धीरेन्द्र वीर सिंह ने आगे कहा है कि जबकि ठेका पार्किंग का है एंट्री का नही। अगर आप ड्रॉप करने जा रहे हैं तब भी आपको रुपये देने है जबकि दिल्ली एयरपोर्ट पर भी एंट्री फ्री है। ठेकेदार किसी न किसी बड़े नेता का राइट हैंड होगा। ठेके किसी ऐरे गैरे को तो मिलते नही हैं। अपनी इज्जत अपने हाथ। बाकी जो है सो है। जिस तरह से गुंडई दिखाकर एयरपोर्ट पर पहुंचने वाले हर वाहन स्वामी से एंट्री फीस वसूली की जा रही है, उससे साफ लगता है कि इस वसूली में एयरपोर्ट अथॉरिटी अफसरों की भी मिलीभगत है। वसूली के बाद दी जाने वाली रसीद पर भी सिविल एयरपोर्ट का पता लिखा है जबकि दिल्ली एयरपोर्ट पर भी एंट्री फ्री है। पूर्व विधायक स्व. ओमप्रकाश सिंह के पुत्र व पूर्व विधायक सुमनलता सिंह के भाई अजय प्रताप सिंह उर्फ अज्जू भाजपा के महानगर अध्यक्ष रहे चुके हैं। उन्होंने भी फेसबुक पर नाराजगी जाहिर की है। धीरेन्द्र वीर सिंह की पोस्ट पर उन्होंने कमेंट करते हुए पार्किंग की पर्ची भी टैग की है। उनका कहना है कि मन तो उनका भी था इस पर पोस्ट डालने का। खुलेआम एंट्री फीस ले रहे हैं है न की पार्किंग। गेट में अंदर का मतलब पैसे दीजिए। टेंडर के पेपर मांगे तो दिखाने को तैयार नहीं हुआ। बोला, अंदर जाना है तो पैसे दीजिए वरना गेट पर वाहन छोड़कर चले जाइए।।

बरेली से कपिल यादव

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