बरेली। रविवार को एनसीईआरटी की नकली किताबें छापने वाले सचिन गुप्ता को भोजीपुरा पुलिस ने जेल भेज दिया। वह मेरठ मे कोतवाली थाना क्षेत्र के मोहल्ला भाटवाड़ा का निवासी है और इन दिनों डी-14 सुपर टैक ग्रीन थाना टीपी नगर मेरठ में रहता था। शनिवार को मेरठ पुलिस के सहयोग से उसे गिरफ्तार किया गया था। पुलिस की पूछताछ मे सामने आया कि सचिन गुप्ता एनसीईआरटी की नकली किताबें छापने का पुराना धंधेबाज है। वर्ष 2020 मे उसे मेरठ के थाना परतापुर की पुलिस ने भी इसी मामले में गिरफ्तार किया था। जब वह मेरठ में यह धंधा चलाता था। वहां से धंधा शुरू हुआ तो अमरोहा में फैक्ट्री लगाकर कारोबार शुरू कर दिया। अमरोहा में एसटीएफ ने उसके खेल का खुलासा कर एनसीईआरटी की करोड़ों रुपये की नकली किताबें बरामद की तो यह गिरोह बरेली पहुंच गया। यहां उसने मेरठ में माधवपुरम निवासी अवनीश मित्तल और उसके साथियों पीयूष कन्सल, सोनू, राहुल गुप्ता के साथ धंधा शुरू किया। भोजीपुरा मे राजीव गुप्ता की फैक्ट्री अवनीश मित्तल ने किराये पर ली और नकली किताबें छापने का धंधा शुरू कर दिया। मगर 24 मार्च को यहां भी उसके धंधे का भंडाफोड़ हो गया। इस पूरे खेल का सरगना अवनीश मित्तल है जो अभी भी फरार चल रहा है। पुलिस की पूछताछ में सचिन खुद को निर्दोष बताने में लगा रहा। उसने इस धंधे का सरगना अवनीश मित्तल को बताया। कहा कि एनसीईआरटी के डिस्ट्रीब्यूटर्स ने कमीशनखोरी के चक्कर में उसे इस मामले में फंसा दिया। वह मेरठ में असली किताबें बेचने का काम करता था। मगर कारोबारी प्रतिस्पर्धा के चलते उसे फंसाया गया। सीओ नवाबगंज चमन सिंह चावड़ा ने बताया कि सचिन गुप्ता को जेल भेज दिया गया है। अवनीश मित्तल समेत बाकी चार आरोपियों की तलाश जारी है। जल्द ही उन सभी पर इनाम घोषित कराया जाएगा।।
बरेली से कपिल यादव