बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। एसबीआई स्थानीय शाखा में तीन दिन से कनैक्टिविटी न आने से लेनदेन ठप है। कस्बे और कई दर्जन गांवों के सैकड़ों ग्राहक रोजाना सुबह से शाम तक धक्के खाने को मजबूर हैं। बैंक मैनेजर और कर्मचारी कारोबारियों और खातेदारों के तीखे-चुभते सवालों से बचने के लिए सुबह से ही मेन गेट के चैनल पर बाहर से ताला डलवाकर अंदर दुबके बैठे रहते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्थानीय शाखा में कस्बे के अधिकांश व्यापारियों और विकास क्षेत्र के 10 हजार से ज्यादा ग्राहकों के खाते है। ब्लाक की अधिकतर ग्राम पंचायतों के सरकारी एकाउंट भी इसी बैंक से संबद्ध है। सुबह से शाम तक बैंक में ग्राहकों की रेलमपेल, धक्का-मुक्की मची रहती है। नौ अक्तूबर शुक्रवार सुबह से बैंक की इंटरनेट कनैक्टिविटी गायब है। बताते हैं कि बैंक का सर्वर बीएसएनएल नेटवर्क से जुड़ा हुआ है जो हर हफ्ता-पंद्रह दिन में किसी न किसी वजह से ठप हो जाती है और कई-कई दिनों तक ठप ही रहती है। पिछले तीन दिन से कनैक्टिविटी न आने से लेनदेन पूरी तरह ठप पड़ा है। सप्लायरों का करोड़ों का ट्रांजैक्शन अटकने पर उन्होंने माल की आपूर्ति रोक दी है। लिहाजा कस्बे और इलाके के कारोबार-कारोबारियों की सांसें उखड़ने लगी हैं। कारोबारियों की मानें तो बैंक के साथ ही उसके एटीएम से भी कैश पेमेंट नहीं हो पा रहा है। चेक, आरटीजीएस, एनईएफटी, मनी ट्रांसफर जैसे डिजिटल लेनदेन पर भी ब्रेक लग गया है। पूरे-पूरे दिन बैंक का कामकाज बंद रहने से कारोबारियों-काश्तकारों की बैंक के गार्ड और स्टाफ से झड़पें भी रोज ही कई-कई बार खूब हो रही हैं। अंदरखाने भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि बैंक का सर्वर आएदिन डाउन रहने की समस्या के असल गुनाहगार बीएसएनएल और एसबीआई दोनों के ही आला अफसर हैं जो अपनी जिम्मेदारियों, जवाबदेही से हमेशा ही कन्नी काटते रहते हैं और खामियाजा भुगतते हैं बेचारे हजारों आम खातेदार, व्यापारी, उद्यमी, पेंशनभोगी सीनियर सिटीजन और गरीब-लाचार। लोगों का सवाल पूछना लाजिमी ही है कि 21वीं सदी के भारत तेजी से डिजिटल होते बैंकिंग सिस्टम का असल चरित्र और मिजाज आखिर इन चंद काहिल अफसरान की कारिस्तानियों की बेड़ियों में बंधकर कब तक कसमसाता रहेगा। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया फतेहगंज पश्चिमी ब्रांच के मैनेजर विपुल कुमार तिवारी ने फोन पर कनेक्टिविटी की जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि हम आपको फोन पर कोई बात नहीं बता सकते। साथ ही कहा कि यह जानकारी आरटीआई के तहत मांग सकते हैं। बैंक मैनेजर का एक पत्रकार के साथ ऐसा व्यवहार है तो ग्राहकों के साथ कैसा व्यवहार होगा।।
बरेली से कपिल यादव