एक साल में दो सौ से ज्यादा रास्ते खोलकर आमजनता को राहत देने बाले अधिकारी है बद्रीनारायण

राजस्थान/बाड़मेर- सीमांत उपखण्ड की ग्राम पंचायत बाधा के राजस्व गांव आशापुरावास के लोगों की सरकारी रास्ता की 50-60 बरसों पुरानी मांग और आशा आख़िरकार शनिवार को पूरी हो गई । बाधा,शिवनगर और आशापुरावास इन तीन गांवों के ग्रामीण 3 किलोमीटर लंबा और 25 फीट चौड़ा राजस्व ग्राम आशापुरावास के सरकारी खसरा नम्बर 300 और 301 पर 50-60 वर्षों से चल रहे चालू परम्परागत स्थाई रास्ते को राजस्व अभिलेख में दर्ज करने की मांग कर रहे थे ।ग्राम सेवा शिविरों के दौरान इन गांवों के ग्रामीणों ने कटाण के राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होने से मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहने का दर्द उपखण्ड अधिकारी को सुनाया और लिखित में परिवाद भी दिया। जिस पर एसडीओ विश्नोई ने तहसीलदार सेड़वा जोताराम मीना को मौका मुआयना कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। तहसीलदार सेड़वा ने मौका रिपोर्ट बनाकर एसडीओ कार्यालय को भेजी ।

आम जनता की मांग पर उपखंड अधिकारी सेड़वा बद्रीनारायण विश्नोई शनिवार को हल्का पटवारी गंगासरा अमृतराम को साथ लेकर मौके पर पहुंचे । एसडीओ ने ग्रामीणों के साथ 3 किमी रेतीले धोरे पर पैदल चलकर रास्ते का मौके और रिकॉर्ड से भौतिक सत्यापन किया । उन्होंने बड़े पैमाने पर जनहित को ध्यान में रखते हुए राजस्थान भू राजस्व नियम 1957 के नियम 60 एच में वर्णित प्रावधानों के तहत रास्ते को राजस्व अभिलेख और नक़्शे में अंकन दर्ज करने का आदेश जारी किया । एसडीओ ने इन गांवों के मौजिज ग्रामीण जोगाराम,भगवानाराम,बाधाराम देवासी, मोड़सिंह,कालूसिंह,उदयसिंह, लखसिंह,रामनारायण विश्नोई, जगदीश और ठाकराराम गर्ग को आदेश की प्रति सौंपी ।सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों की रास्तों की समस्याओं को एसडीओ विश्नोई अपने पदस्थापन से ही संवेदनशीलता से ले रहे हैं और उन्होंने गत एक साल में 200 से अधिक रास्तों के आदेश जारी किए। क्षेत्र की जनता एसडीएम की इस संवेदनशीलता की कायल है ।

उनका कहना है कि क्षेत्र में भ्रमण ,जनसुनवाई, रात्रि चौपालों में ग्रामीण खातेदारी सहित सरकारी भूमियों में से चालू स्थायी और परम्परागत रास्तों को राजस्व अभिलेख में दर्ज करवाने के लिए प्रार्थना पत्र देते हैं । राजस्व अभिलेख में सरकारी कटाण दर्ज होने से भविष्य में उन पर पक्की सड़क बन जाती है ।जिससे आम जनता का आवागमन सुगम होता है और उन्हें बड़े पैमाने पर राहत मिलती है ।
इनका कहना- “सरकारी भूमि पर पिछले 50-60 सालों से चालू स्थाई रास्ता के सरकारी कटाण दर्ज होने से डामर सड़क बन जाएगी “-मोडसिंह, ग्रामीण

“ तीन गांवों की 5000 से अधिक आबादी को सरकारी रास्ते का लाभ मिला है। इससे जनसुविधाओं का और विस्तार होगा।” -रामनारायण विश्नोई ,शिवनगर

– राजस्थान से राजूचारण

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