एक विषय का एक प्रश्नपत्र, फिर भी परीक्षा कराने मे लगेगा एक माह

बरेली। यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं रद हो चुकी हैं। अब स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षाओं को लेकर शासन को फैसला लेना है। अभी तक की तैयारियों से साफ है कि अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का आयोजन कराया जाएगा। जिसमें एक विषय का एक प्रश्नपत्र तैयार कर परीक्षा करायी जाएगी। यदि इस तरह से परीक्षा करायी जाती है तो भी कम से एक महीना या उससे अधिक का समय परीक्षाओं के आयोजन में लगेगा, क्योंकि बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी व एमकॉम के अलग-अलग विषयों की अलग-अलग परीक्षा होंगी। अकेले बीए में ही 30 विषयों की परीक्षाएं करानी होंगी। एक प्रश्नपत्र के बाद छात्र को दूसरे प्रश्नपत्र की परीक्षा की तैयारी के लिए भी समय दिया जाएगा। इससे साफ है कि यदि 13 अगस्त तक परीक्षाओं को पूर्ण कराना होगा तो जुलाई के दूसरे सप्ताह के बाद से परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षाओं की तैयारियां शुरू कर दी हैं लेकिन शासन के आदेश का इंतजार है। शासन का आदेश आते ही परीक्षा कार्यक्रम भी जारी कर दिया जाएगा। यदि स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं हुई तो इसमें भी कुछ वक्त लगेगा। स्नातक परीक्षाओं की बात करें तो विश्वविद्यालय ने जो पहले कार्यक्रम तैयार किया था, उसके हिसाब से अंतिम वर्ष की परीक्षा 50 दिनों में आयोजित होनी थी। इसमें एक विषय के अलग-अलग प्रश्नपत्र थे। पहले जो कार्यक्रम तैयार किया गया था, उसमें 26 दिनों में परीक्षाओं का आयोजन होना था। एक विषय के एक प्रश्नपत्र कराने पर भी कम से कम 20 दिन का समय लगेगा।।

बरेली से कपिल यादव

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