एक अप्रैल से सात बैंकों की चेक और पासबुक हो जाएंगी निष्क्रिय, ग्राहकों को भेजे जा रहे संदेश

बरेली। बैंक ग्राहको के लिए यह बेहद जरूरी खबर है। एक अप्रैल 2021 से यानी अगले महीने से देश के सात सरकारी बैंकों के ग्राहकों की पुरानी चेक बुक, पासबुक और इंडियन फाइनेंशियल सर्विस कोड (IFSC) इनवैलिड हो जाएंगे। यानी आप अपनी पुरानी चेकबुक के जरिए किसी भी तरह की पेमेंट नहीं कर पाएंगे। इसलिए अगर आपका खाता भी इन सार्वजनिक बैंकों में है तो इसी महीने चेक बुक बदलवा ले। मर्जर वाली कुल आठ में से सात बैंकों में एक अप्रैल से बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। आठ राष्ट्रीयकृत बैंकों का मर्जर दूसरी बैंकों में हुआ है। इसमें सिडीकेट बैंक छोड़कर शेष सभी की पासबुक, चेकबुक एक अप्रैल से निष्क्रिय हो जाएंगी। एक अप्रैल से आठ बैंक अपने पूर्व नाम के बजाय मर्ज होने वाले बैंक के नाम से जाने जाएंगे। बैंकों ने अपने ग्राहकों को मर्जर का संदेश भेजना शुरू कर दिया है। इससे बैंक व ग्राहक दोनों को असुविधा न हो। विलय होने के बाद खाताधारकों के आईएफएससी व एमआइसीआर कोड में बदलाव होने की वजह से एक अप्रैल 2021 से बैंकिंग सिस्टम पुराने चेक को अमान्य कर देगा। इसलिए इन सभी बैंकों के ग्राहक तुरंत अपनी शाखा में जाकर नए चेक बुक के लिए आवेदन करे। वहीं सिडीकेट बैंक के उपभोक्ताओं को तीस जून तक पासबुक, चेकबुक व आइएफएससी कोड बदलने का समय दिया है। बैंक मर्ज होने के बाद अब ग्राहकों को अपनी पुरानी बैंक का नाम मर्ज हुए बैंक के नाम से पहचानना होगा। कुछ बैंकों ने सॉफ्टवेयर बदल दिया है तो कहीं अभी इसका कार्य चल रहा है। अब देना बैंक को अब बैंक ऑफ बड़ौदा के नाम से जाना जाएगा। विजया बैंक को अब बैंक ऑफ बड़ौदा के नाम से जाना जाएगा। कारपोरेशन बैंक को अब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया कहलाएगी। आंध्रा बैंक अब यूनियन बैंक कहलाएगी। ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स अब हुई पंजाब नेशनल बैंक। यूनाइटेड बैंक अब पंजाब नेशनल बैंक हो गई। सिडीकेट बैंक अब कैनरा बैंक हो गई। इंडियन बैंक हुई अब इलाहाबाद बैंक हो गयी है। एलडीएम मदन मोहन प्रसाद ने बताया कि बैकों के मर्जर से उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होगी। सिर्फ उनके चेकबुक, पासबुक और आइएफएससी कोड मर्ज हुए बैंक में बदलेंगे। ग्राहकों को अपना चेक, पासबुक व आइएफएससी कोड बदलने को 30 मार्च तक का समय दिया है। हालांकि सिडीकेट बैंक ने 30 जून तक की छूट दी है।।

बरेली से कपिल यादव

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