भदोही-अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) व कार्यालय संयुक्त महानिदेशक विदेश व्यापार विभाग वाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार को नगर के मर्यादपट्टी स्थित कालीन भवन के एकमा सभागार में निर्यात बन्धु योजना के तहत निर्यात संवर्धन के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें विदेश व्यापार कार्यालय के उप महानिदेशक अमित कुमार ने प्रोजेक्टर के माध्यम से निर्यातकों को जानकारी दी। इस दौरान श्री कुमार ने कालीन के वैश्विक निर्यात परिदृश्य तथा भारतीय व्यापार नीति में संरक्षण पर एक विस्तृत जानकारी दी। उन्होने कहा कि कालीन की वैश्विक मांग में पिछले एक दशक में सामान्यतरू कोई वृद्धि नही हुई है। लेकिन इसमें उत्यन्त उतार चढ़ाव जरुर आ रहा है। हस्तनिर्मित कालीन उत्पादों को मशीन निर्मित उत्पादों से भारी चुनौती मिल रही है। श्री कुमार ने कहा कि इसका मुकाबला एक समेकित नीति से किया जा सकता है। इस दिशा में भदोही के कालीन को जो भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग मिला है। उषका ब्रांडिग एवं मार्केटिंग तथा उसके अन्य देशों में रजिस्ट्रेशन आदि से प्रोडक्ट डिफेंसिएशन व मार्केट डाइवर्सिफिकेशन में बहुत मदद मिलेगी। उन्होने कहा कि भदोही की कालीन निर्यातक अगर जीआई टैग का इस्तेमाल करते है तो उत्पादन पर लाभकारी सिद्ध होगा। नए-नए विदेशी बाजारों में व्यापार की संभावनाए बढ़ेगी। उन्होने कहा कि जो शिपिंग बिल 1 अक्टूबर 2015 से लेकर 3 मार्च 2016 तक के है। उसमे यह लिखा गया है कि वह एमईआईएस का लाभ लेगा और गलती से रिवार्ड बाक्स में एस की जगह नो कर दिया तो उसका लाभ नही मिल पाएगा। ऐसे में इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए डीजीएफटी कार्यालय में आकर प्राप्त कर सकते है। इस मौके पर शिव सागर तिवारी हाजी अशफाक अंसारी प्रकाश चंद जायसवाल मकसूद अंसारी राजू बोधरा हाजी अब्दुल सत्तार अंसारी शाहिद अंसारी आदि प्रमुख रुप से मौजूद रहे। संचालन एकमा के मानद सचिव पियूष बरनवाल ने किया।
-पत्रकार आफताब अंसारी