बरेली- आज हर प्रदेश में पत्रकारों पर मुकदमें दर्ज होने का सिलसिला रूक नहीं रहा है इसका मुख्य कारण है कि पत्रकारों के द्वारा खबर प्रकाशित होने में दूसरे पक्ष की बात न होना।अधिकांश मामलों मे पत्रकार साथी एकपक्षीय पत्रकारिता का अंजाम दे रहें है जो कि गलत है।पत्रकारों को दोनों पक्षों की बात करनी चाहिए। यह बात आज पत्रकारों की संस्था जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया (रजि0) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने एक बैठक के दौरान कही।
उन्होने कहा कि पत्रकारों को इमानदारी से दूसरे पक्ष की बात रखनी चाहिए। पत्रकारों की लेखनी का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है इस बात का पत्रकारों को ध्यान रखना चाहिए। समाचार प्रकाशित करने से पूर्व दूसरे पक्ष की बात को भी पत्रकारों को भी पत्रकारों को प्रमुखता से रखनी चाहिए। पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया है।लोकतंत्र के चौथे स्थान का दर्जा पत्रकारिता को इसलिए दिए गया है कि यदि लोकतंत्र के तीन स्तंभ अपनी राह से भटके तो यह चौथा स्तंभ उन्हे अपने कार्यो की जवाबदेही से अवगत कराकर सही राह पर ला सके।
पत्रकारों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि समाचार पत्र के बैनर तो छोटे बड़े हो सकते है लेकिन पत्रकार छोटे बड़े नहीं होते और पत्रकारिता करने बाले हर पत्रकार की जवाबदेही भी समाज के प्रति एकसमान होती है।समाज पर उसकी लेखनी का क्या प्रभाव पड़ेगा यह हमेशा उसे ध्यान रखना चाहिए ।
श्री अनुराग सक्सेना ने कहा कि आज डिजिटल मीडिया तेजी से बढ रही है अधिकांश बैनर डिजिटल मीडिया पर सक्रिय हो चुके है लेकिन सरकार की ओर से अभी तक डिजिटल मीडिया को रजिस्टर्ड मीडिया का दर्जा नहीं दिया है।डिजिटल मीडिया को रजिस्टर्ड मीडिया का दर्जा दिए जाने के लिए सरकार को कई पत्र संगठन की ओर से भेजे गए है पत्रकारिता की गरिमा को बचाए रखने के लिए सरकार को जल्द ही निर्णायक कदम उठाने की उन्होने मांग की है।
बता दे कि पत्रकारों पर हो रहे लगातार उत्पीड़न को लेकर जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया ने बैठक का आयोजन किया था जिसमें हाल ही में हुए पत्रकारों के खिलाफ मुकदमों को लेकर चर्चा की गई साथ ही भविष्य में पत्रकारों के साथ ऐसी घटनाएं घटित ना हो जिसको लेकर चर्चा की गई। इस मौके पर बीएस चंदेल, गुरबचन, अशोक शर्मा, पुरुषोत्तम सैनी, शशांक शर्मा, सचिन श्याम भारतीय, कौशिक टंडन, वीरेंद्र कुमार मौर्य, विशाल गुप्ता सहित कई पत्रकार साथियों ने अपने विचार रखे।