बरेली। सरकार द्वारा चलाई जा रही 108, 102 एंबुलेंस इस समय लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। न सिर्फ कोविड पॉजिटिव मरीजों को निकटतम अस्पताल में भर्ती कराना व गर्भवती महिलाओं के लिए संजीवनी बनी हुई है। मंगलवार को एक फिर एंबुलेंस में ही सुरक्षित डिलीवरी कराई गई। जहां जच्चा-बच्चा को प्राथमिक उपचार देते हुए हॉस्पिटल में भर्ती करा कर अपने कर्म को बखूबी एंबुलेंस कर्मचारी अंजाम दे रहे हैं। पिछले एक माह में ऐसे कई सुरक्षित डिलीवरी एंबुलेंस कर्मचारी ने एंबुलेंस में ही कराकर क्षेत्र में चर्चा का विषय बने हुए हैं। मंगलवार की सुबह ब्लॉक भुता के गांव विलासनगर निवासी प्रेमपाल की पत्नी रेखा देवी उम्र 30 वर्ष को लेबर पेन हुआ। आशा वीरवती ने 102 पर कॉल लगाकर एंबुलेंस बुलाई। कुछ मिनट के बाद एंबुलेंस गांव पहुंचकर मरीज को निकटतम हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए निकल पड़े। लेकिन रास्ते में बहुत तेज लेबर पेन होने लगा। एंबुलेंस के पायलट राजेश कुमार से एम्बुलेंस को रास्ते खड़ा करके ईएमटी अनिल कुमार ने आशा वीरवती की मदद से सुरक्षित डिलीवरी कराई। प्रसूता ने बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद प्राथमिक उपचार देते हुए जच्चा-बच्चा को कुआंडांडा अस्पताल में भर्ती कराया। जहां जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। जिले के प्रोग्राम मैनेजर भगवती प्रसाद ने बताया कि पिछले एक माह से ऐसे कई केस हुए हैं। जिसमें डिलीवरी एंबुलेंस में ही हुई है और अनुभवी ईएमटी द्वारा सुरक्षित प्रसव कराकर सकुशल निकटतम हॉस्पिटल में भर्ती कराया है।।
बरेली से कपिल यादव