बरेली। खानकाह-ए-शाह शराफत में मंगलवार को 58वें वार्षिक उर्स-ए-शराफती के दूसरे दिन का आगाज कुरआन ख्वानी से हुआ। उर्स का आयोजन दरगाह के सज्जादानशीन शाह मोहम्मद गाजी मियां की सरपरस्ती और देखरेख में किया जा रहा है। 5 सितंबर तक चलने वाले इस उर्स में देशभर से बड़ी संख्या में जायरीन पहुंचेंगे। सुबह से ही शहर और आसपास के गांवों और कस्बों से अकीदतमंदों का जत्था चादर शरीफ के जुलूस लेकर दरगाह पहुंचा। दिनभर चले इन जुलूसों ने शहर की गलियों और सड़कों को रंगारंग और आध्यात्मिक माहौल से सराबोर कर दिया। लोग हाथों मे चादर और गुलाब की पंखुड़ियां लेकर नात-ओ-मनकबत पढ़ते हुए दरगाह की ओर बढ़ते नजर आए। दरगाह के मीडिया प्रभारी हमजा सकलैनी ने बताया कि सभी कार्यक्रम हजरत गाजी मियां की देखरेख में आयोजित किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि यह उर्स हमारे लिए विशेष महत्व रखता है। हम सभी जायरीन का स्वागत करते हैं और दुआ करते हैं कि उनकी नेक तमन्नाएं पूरी हों। उन्होंने जायरीन अपील भी की कि वे जुलूस में हैवी साउंड सिस्टम या डीजे का इस्तेमाल से न करें। उन्होंने कहा कि इस्लाम और शरीयत हमें शोर-शराबे या ऐसे किसी भी अमल की इजाजत नहीं देते, जो दूसरों के लिए तकलीफदेह हो। इसलिए जुलूस इस्लामी तालीमात और अदब के साथ निकाले जाने चाहिए। उर्स-ए-शराफती में देश के विभिन्न हिस्सों महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, राजस्थान, बंगाल, झारखंड, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, पंजाब, उत्तराखंड और दिल्ली से बड़ी संख्या में अकीदतमंद पहुंच रहे हैं। दरगाह प्रशासन ने दूर-दराज से आने वाले जायरीन की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। स्थानीय प्रशासन ने भी उर्स को लेकर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की है। दरगाह परिसर और आसपास के इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया है।।
बरेली से कपिल यादव