बरेली। जनपद के थाना इज्जतनगर क्षेत्र के गांव खजुरिया जुल्फिकार मे उर्स-ए-रजवी की चादर निकालने के दौरान माहौल खराब हो गया। उर्स-ए-रजवी मे चादर लेकर जा रहे लोगों को ग्रामीणों ने नई परंपरा बताकर रोका तो पुलिस ने लाठियां फटकारकर भीड़ को खदेड़ा और चादर जुलूस निकलवा दिया। तब ग्रामीणों ने चौकी प्रभारी समेत पुलिसकर्मियों को ही नारेबाजी कर दौड़ा लिया। कुछ लोगों के घायल होने का दावा किया जा रहा है। एसपी सिटी ने बताया कि लिखित सहमति के बाद भी प्रधानी की रंजिश मे माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। दूसरी तरफ पूरा विवाद पूर्व प्रधान और मौजूदा प्रधान के बीच का होने की बात कही जा रही है। जिसको मजहबी रंग देने की कोशिश की गई। मंगलवार दोपहर बाद खजुरिया जुल्फिकार गांव से होकर आला हजरत उर्स में शामिल होने के लिए चादर जुलूस जा रहा था। गांव के एक समुदाय के लोगों ने इसे नई परंपरा बताकर हंगामा शुरु कर दिया। चादर जुलूस के पीछे चल रही पुलिस सामने आ गई और ग्रामीणों से तीखी बहस हो गई। पुलिस ने लाठियां फटकारकर भीड़ को खदेड़ा और चादर जुलूस आगे बढ़वा दिया। पूरे घटनाक्रम से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो मे पुलिस के साथ भीड़ की झड़प और लाठियां फटकारते हुए पुलिस दिखाई दे रही है। गांव के पूर्व प्रधान हीरालाल और वर्तमान प्रधान नेत्रपाल पर भी ग्रामीणों मे गुस्सा फूटा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दोनों ने मिलकर नई परंपरा शुरू कराई और जानबूझकर जुलूस निकलवाया। वही इस झडप मे राजू सागर नाम के एक युवक के सिर मे मामूली चोटें आई है। मौके पर पहुंचे विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष संजय शुक्ला का कहना है कि पुलिस ने ग्रामीणों को बेवजह पीटा है। उच्चाधिकारियों को दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार दोनों पक्षों में थाने मे बैठकर लिखित समझौता हो गया था। उसके बावजूद कुछ शरारती तत्वों ने चादर जुलूस का विरोध किया। पूर्व और वर्तमान प्रधान की आपसी रंजिश की वजह से ये विवाद पनपा। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधान हीरालाल और वर्तमान प्रधान नेत्रपाल में चुनावी रंजिश चली आ रही है। दोनों ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए लोगों को उकसाने का काम किया है। दोनों की भूमिका की जांच की जा रही है। जांच में साक्ष्यों के आधार पर सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।।
बरेली से कपिल यादव