बरेली। मंगलवार को निकाय चुनाव मे नामांकन के बाद दावा आपत्तियां शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के महापौर प्रत्याशी उमेश गौतम के नामांकन पर तीन आपत्तियां दाखिल कर उनका पर्चा खारिज करने की मांग की गई है। आपत्तियां दाखिल होने की सूचना से भाजपा खेमे में हड़कंप मच गया है।नामांकन पत्रों की जांच के दौरान उनके नामांकन पत्र पर एक नही तीन आपत्तियां दाखिल की गई। तीनों आपत्तियां उमेश गौतम के सामने निर्दलीय नामांकन कराने वाले पूर्व महापौर डा. आईएस तोमर के प्रस्तावक पूर्व पार्षद मुनीश शर्मा ने दाखिल की है। डॉ. आईएस तोमर दो बार महापौर रह चुके है और पिछले चुनाव में डा. आईएस तोमर और उमेश गौतम आमने सामने थे। तब डा. तोमर को हराकर उमेश चुनाव जीते थे। कलेक्ट्रेट मे एसडीएम सदर की कोर्ट में रिटर्निंग ऑफिसर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संतोष बहादुर सिंह के सामने दाखिल की गई। पहली आपत्ति में कहा गया है कि क्लेरा स्वैन मिशन अस्पताल पर नगर निगम का 1.39 लाख रुपये टैक्स के बकाया है। जो कंपनी क्लेरा स्वैन अस्पताल का संचालन करती है उमेश गौतम उस कंपनी मे निदेशक है तो नगर निगम ने उन्हें नो ड्यूज किस आधार पर दे दिया। नगर निगम का बकायेदार होने का तर्क देते हुए उमेश गौतम का नामांकन पत्र खारिज करने की मांग की गई है। दूसरी आपत्ति में कहा गया है कि क्लेरा स्वैन मिशन अस्पताल के खिलाफ 15 लाख रुपये से अधिक की दो आरसी तहसील सदर में लंबित हैं। जब उमेश मिशन अस्पताल का संचालन करने वाली कंपनी के निदेशक हैं तो सरकारी बकायेदार होने की वजह से उनका नामांकन निरस्त किया जाएगा। तीसरी आपत्ति मे कहा गया है कि सॉलिड वेस्ट प्लांट की जमीन पर तहसील फरीदपुर की रिपोर्ट में इंवर्टिस यूनिवर्सिटी का अवैध कब्जा माना गया है। जब उमेश गौतम नगर निगम के अवैध कब्जेदार है तो नगर निगम ने उन्हें एनओसी किस आधार पर दी है। पार्टी प्रत्याशी के नामांकन पर दाखिल की गई तीन तीन आपत्तियों की जानकारी जैसे ही भाजपा खेमे को मिली वहां हड़कंप मच गया। आपत्तियां निरस्त कराने के लिए उमेश गौतम पक्ष तुरंत ही रिटर्निंग ऑफिसर के पास पहुंच गए। मंगलवार की दोपहर तीन बजे तक आपत्तियां दाखिल की जा सकती थी महापौर पद के लिए 15 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया।।
बरेली से कपिल यादव